अमेरिका में बढ़ा अपराध, 6000 हजार से ज्यादा मामले हुए दर्ज
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अमेरिका में बढ़ा अपराध, 6000 हजार से ज्यादा मामले हुए दर्ज

 अमेरिका में पिछले साल हिंदुओं और सिखों के खिलाफ अपराधों समेत 6000 से अधिक घृणा अपराध दर्ज किए गए.

सभी अमेरिकियों को देशभर में बढ़ती कट्टरता के खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता है.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

वॉशिंगटन: अमेरिका में पिछले साल हिंदुओं और सिखों के खिलाफ अपराधों समेत 6000 से अधिक घृणा अपराध दर्ज किए गए. एफबीआई के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है जिनके अनुसार इस प्रकार की घटनाओं में वर्ष 2015 की तुलना में करीब पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इन घटनाओं में अधिकतर मामले अश्वेत विरोधी या अफ्रीकी-अमेरिकियों के प्रति भेदभाव और यहूदी विरोधी थे जबकि एक चौथाई मामले मुस्लिम विरोधी थे. संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने कल जारी अपने ताजा वार्षिक आंकड़ों में कहा कि वर्ष 2016 में उसने 12 हिंदू विरोधी घृणा अपराध और सात सिख विरोधी घृणा अपराध दर्ज किए. बौद्ध समुदाय के खिलाफ घृणा अपराध का एक मामला दर्ज किया गया.

  1.  पिछले साल हिंदुओं और सिखों के खिलाफ अपराधों समेत 6000 से अधिक घृणा अपराध दर्ज
  2.  अफ्रीकी-अमेरिकियों के प्रति भेदभाव और यहूदी विरोधी थे जबकि एक चौथाई मामले मुस्लिम विरोधी थे
  3. घृणा अपराध की 6121 घटनाएं और सिखों के खिलाफ घृणा अपराध की सात घटनाएं दर्शाई गई हैं

घृणा अपराध के 3.1 प्रतिशत मामले एशिया के खिलाफ भेदभाव और 1.3 प्रतिशत मामले अरब विरोधी भेदभाव का परिणाम थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल घृणा अपराध के 6121 मामले दर्ज किए गए जो वर्ष 2015 की तुलना में करीब पांच प्रतिशत और वर्ष 2014 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक हैं.

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अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने कहा,‘‘किसी व्यक्ति को इस आधार पर हिंसक हमले का डर नहीं होना चाहिए कि वह क्या है, वह किसमें विश्वास करता है और वह किस तरह प्रार्थना करता है. ’’इस बीच,‘सिख कोएलिशन’ने एफबीआई के इन आंकड़ों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इनकी संख्या कम बताई गई है. सिख कोएलिशन के अधिकारी सिम सिंह ने कहा,‘‘एफबीआई आंकड़ों में वर्ष 2016 में घृणा अपराध की 6121 घटनाएं और सिखों के खिलाफ घृणा अपराध की सात घटनाएं दर्शाई गई हैं.

 यह संख्या कहीं अधिक है. ’’उन्होंने कहा,‘‘आंकड़े में इस अंतर को दूर करने का केवल एक तरीका है, वह यह कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां घृणा अपराध दर्ज कराने को अनिवार्य बनाएं.’’सिंह ने कहा,‘‘यदि कानून प्रवर्तन एजेंसियां हमारे समुदायों के खिलाफ घृणा अपराध के असल विस्तार के दस्तावेजीकरण में असफल रहती हैं तो हमारे देश को इस समस्या को रोकने और उससे निपटने के लिए आवश्यक राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधन जुटाने में मुश्किल का सामना करना पड़ेगा. ’’ इस बीच काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस ने कहा कि एफबीआई के इन आंकड़ों में बताया गया है कि वर्ष 2016 में धर्म विरोधी घृणा अपराधों के पीड़ितों में करीब एक चौथाई मुसलमान थे.

यह संकेत है कि सभी अमेरिकियों को देशभर में बढ़ती कट्टरता के खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता है. 

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