संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 130 से अधिक सदस्य देशों के रक्षामंत्री, विदेश मंत्री और आला अधिकारी व अंतर सरकारी संगठनों के अफसर एकत्रित हुए.
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संयुक्त राष्ट्र: ‘ब्लू हेलमेट्स’ के नाम से पहचाने जाने वाले संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षकों के लिए बढ़ते खतरे पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मिशन में अच्छी तरह से प्रशिक्षित शांतिरक्षकों की आवश्यकता को रेखांकित करने के साथ ही कहा कि उनके महत्व पर अधिक जोर नहीं दिया जा सकता.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के शुक्रवार को शांतिरक्षक मिशनों को ‘‘ मजबूत और सुरक्षित ’’ बनाने पर जोर देने के बाद भारत का यह बयान आया है. संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 130 से अधिक सदस्य देशों के रक्षामंत्री, विदेश मंत्री और आला अधिकारी व अंतर सरकारी संगठनों के अफसर एकत्रित हुए.
वे यहां सामयिक शांति व्यवस्था के लिए आवश्यक विशिष्ट क्षमताओं पर चर्चा करने और नागरिकों तथा महिलाओं की सुरक्षा, शांति एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ, विशेष क्षमताओं को निर्मित करने के लिए एकत्रित हुए थे.
रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव माला दत्त ने बैठक में कहा, ‘‘ भारत ने ‘ए4पी’ (एक्शन फॉर पीसकीपिंग) घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और इसमें उल्लेखित साझा प्रतिबद्धताओं को सामूहिक रूप से प्राप्त करने में एक सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है. ‘ब्लू हेलमेट्स’ के लिए बढ़ते खतरे के मद्देनजर जमीनी स्तर पर अच्छी तरह से प्रशिक्षित शांतिरक्षकों के महत्व पर अधिक जोर नहीं दिया जाना चाहिए.’’
साथ ही उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार ’ट्रूप कंट्रीब्यूटिंग कंट्री’ के तौर पर, भारत मिशनों में पेशेवर सैनिकों को तैनात करना और संयुक्त राष्ट्र मिशनों की क्षमता निर्माण की दिशा में काम करना जारी रखेगा.