India ने UNHRC में उजागर की Pakistan की सच्चाई, आतंकियों को Pension देने पर लगाई फटकार
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India ने UNHRC में उजागर की Pakistan की सच्चाई, आतंकियों को Pension देने पर लगाई फटकार

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सार्वजनिक रूप से आतंकियों के समर्थन की बात स्वीकार की थी. इतना ही नहीं उन्होंने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को शहीद तक करार दिया था. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान आतंकियों को लेकर कैसी सोच रखता है.

जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बधे (फोटो: MEA)

जिनेवा: भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) को बेनकाब किया. भारत ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों (Terrorist) को पेंशन दे रहा है. भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि परिषद के सदस्य इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि पाकिस्तान खूंखार आतंकवादियों को आर्थिक सहायता पहुंचा रहा है और वह आतंकियों का गढ़ बन गया है. भारत ने पाकिस्तान को हिदायत देते हुए कहा कि उसे सरकार द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद (Cross Border Terrorism) पर तुरंत रोक लगानी चाहिए. 

  1. पाकिस्तानी प्रतिनिधि के बयान के जवाब में भारत ने सुनाया 
  2. जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव हैं पवन बधे 
  3. कश्मीर को लेकर भी लगाई पाकिस्तान की क्लास

Pakistan ने फैलाई थी झोली

मानवाधिकार परिषद के 46वें सत्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि के बयान के जवाब में जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बधे (Pawan Badhe) ने इमरान खान (Imran Khan) के ‘नए पाकिस्तान’ की सच्चाई दुनिया के सामने रख दी. दरअसल, पाकिस्तान ने 11/26 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed), लश्कर-ए-तैयबा के नेता जकीउर रहमान लखवी (Zakiur Rehman Lakhvi) और पाकिस्तानी परमाणु इंजीनियर महमूद सुल्तान बशीरुद्दीन के लिए 'बुनियादी खर्च' की अनुमति देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दरवाजा खटखटाया था. इसी को आधार बनाकर भारत ने पाकिस्तान को जमकर आड़े हाथ लिया.

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‘Imran ने स्वीकारी थी सच्चाई’

पवन बधे ने आगे कहा कि पाकिस्तान के नेता खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनका देश आतंकवाद की फैक्ट्री बन गया है. पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे खराब रूप है और आतंकवाद के समर्थक सबसे अधिक मानवाधिकारों को कुचल रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सार्वजनिक रूप से आतंकियों के समर्थन की बात स्वीकार की थी. इतना ही नहीं उन्होंने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को शहीद तक कहा था. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान आतंकियों को लेकर कैसी सोच रखता है’.

Badhe ने दी पाक को सलाह

भारतीय प्रतिनिधि ने आगे कहा कि खराब आर्थिक स्थिति वाले देश पाकिस्तान को एक अच्छी सलाह दी जाती है कि वह परिषद और उसके तंत्र का समय बर्बाद करना बंद करे, सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद पर रोक लगाए और मानवाधिकारों का संस्थागत उल्लंघन रोके. पवन बधे ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद पर पाकिस्तान के खिलाफ दबाव बनाने की रणनीति के तहत कहा कि इस परिषद के सदस्यों को अच्छी तरह से पता है कि पाकिस्तान ने खूंखार और सूचीबद्ध आतंकवादियों को सरकारी धन से पेंशन प्रदान की है और वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है.

Minorities के मुद्दे पर भी घेरा

अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरते हुए बधे ने कहा कि परिषद को पाकिस्तान से पूछना चाहिए कि उसके अल्पसंख्यक समुदायों जैसे ईसाई, हिंदू और सिखों (Christians, Hindus and Sikhs) की संख्या आजादी के बाद से क्यों कम हो गई है? इसके अलावा, उन्हें और अन्य समुदायों जैसे अहमदिया, शिया, पश्तून और बलूच को ईश निंदा के कठोर कानून, उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और जबरन धर्मांतरण का सामना क्यों करना पड़ता है? बधे ने बार-बार कश्मीर (Kashmir) राग अलापने के लिए भी इस्लामाबाद की जमकर क्लास लगाई. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है.

 

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