अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच बढ़ते विवाद पर भारत ने चिंता जताई
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अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच बढ़ते विवाद पर भारत ने चिंता जताई

भारत ने अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए गुरुवार को कहा कि तनावपूर्ण स्थिति को तत्काल समाप्त करना जरूरी है क्योंकि ऐसे हालात क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाते हैं. 

फ़ाइल फोटो

दिल्ली: भारत ने अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए गुरुवार को कहा कि तनावपूर्ण स्थिति को तत्काल समाप्त करना जरूरी है क्योंकि ऐसे हालात क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाते हैं. दोनों देशों के सशस्त्र बल एक पर्वतीय क्षेत्र नागोर्नो-कराबाख को लेकर झगड़ रहे हैं. इस तरह की आशंकाएं हैं कि दक्षिणी कोकेकस क्षेत्र में संघर्ष में अन्य पक्ष भी शामिल हो सकते हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष का दीर्घकालिक समाधान बातचीत के जरिये हासिल किया जा सकता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमने अर्मेनिया-अजरबैजान सीमा के नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र में संघर्ष फिर से शुरू होने की अप्रिय खबरें देखी हैं जो 27 सितंबर को तड़के शुरू हुआ और दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए.’

उन्होंने कहा कि भारत स्थिति को लेकर चिंताग्रस्त है क्योंकि इससे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को नुकसान पहुंचता है. श्रीवास्तव ने कहा, ‘हम दोनों पक्षों के लिए तत्काल संघर्ष को समाप्त करने, संयम बनाकर रखने और सीमा पर शांति कायम रखने के लिए हरसंभव कदम उठाने की जरूरत दोहराते हैं. भारत का मानना है कि कूटनीतिक बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण तरीके से ही संघर्ष का दीर्घकालिक समाधान निकाला जा सकता है.’

श्रीवास्तव ने कहा कि भारत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए ‘सुरक्षा और सहयोग संगठन’ (ओएससीई) मिंस्क समूह के प्रयासों का समर्थन करता है. ओएससीई मिंस्क समूह की स्थापना 1992 में की गयी थी जिसका उद्देश्य अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच पर्वतीय क्षेत्र को लेकर संघर्ष का समाधान निकालना है. समूह के सह-अध्यक्ष अमेरिका, फ्रांस और रूस हैं.

(इनपुट- एजेंसी भाषा)

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