वाशिंगटनः  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से यूक्रेन में मानवीय जरूरतों को पूरा करने की अपील की. इस पहल का भारत ने भी समर्थन किया है. भारत ने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीति में शामिल होने के लिए तैयार है.


बातचीत का आग्रह


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भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि हम आने वाले दिनों में सुरक्षा परिषद के साथ पक्षों (संघर्ष के लिए) में इन उद्देश्यों को जारी रखने के लिए तैयार हैं. मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की दोनों से बात की है और उनसे सीधी बातचीत करने का आग्रह किया है.


नागरिकों को खतरा


अंडर-सेक्रेटरी-जनरल रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि लाखों निवासियों के भाग्य के बारे में गंभीर आशंका है, जो तीव्र हमलों का सामना कर रहे है, रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत में कुछ सकारात्मक विकास हुए हैं, लेकिन इसका कोई फल नहीं निकला है . उन्होंने कहा कि इस हफ्ते, यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधियों के बीच चल रही सीधी बातचीत के संबंध में सकारात्मक संकेत मिले हैं. हम इस तरह की सभी व्यस्तताओं का स्वागत करते हैं.


हुई वीडियो वार्ता


वातार्कारों के बाद रूस के व्लादिमीर मेडिंस्की और यूक्रेन के मायखाइलो पोडोलीक ने वीडियो वार्ता का एक दौर आयोजित किया. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 22-दिवसीय युद्ध में आशावाद का एक नोट पेश करते हुए कहा कि वे एक समझौते के करीब हैं.


भेजी 90 टन की राहत सामग्री


वहीं, तिरुमूर्ति ने कहा कि हम पूरे यूक्रेन में शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं. मानवीय सहायता का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए और इसे मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिएय तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत पहले ही 1 मार्च से यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को 90 टन से अधिक राहत आपूर्ति भेज चुका है. हम इस तरह की अन्य जरूरतों की पहचान करने और आने वाले दिनों में और आपूर्ति भेजने की प्रक्रिया में हैं.


जीवन रक्षा दवा की जरूरत


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्येयियस ने यूक्रेन में स्वास्थ्य आपदा की रूपरेखा बताते हुए कहा कि अब हमें जिस जीवन रक्षक दवा की जरूरत है वह है शांति. WHO ने स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर 43 हमलों की पुष्टि की है, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों सहित 12 लोगों की मौत और 34 घायल हुए हैं..


संघर्ष विराम का मौका


अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि वह यूक्रेन के नागरिक समाज के नेताओं से मिली थीं, जिन्होंने आतंक की सूचना दी थी. वह आतंक जो रूस पूरे यूक्रेन में फैला रहा है, जिसमें ब्रेड लाइन में खड़े लोगों की शूटिंग भी शामिल हैं. चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून ने कहा कि संघर्ष विराम का मौका उभर रहा है.


मानवीय संकट


रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने यूक्रेन में मानवीय संकट को स्वीकार किया, लेकिन रूस द्वारा चिकित्सा सुविधाओं या लोगों को आश्रय देने वाले थिएटर या मस्जिद जैसी जगहों पर हमला करने के आरोपों से इनकार किया. उन्होंने कहा कि हमें खेद है कि यूक्रेन हमेशा रूस के खिलाफ संघर्ष में एक मोहरा रहा है और अभी भी एक मोहरा बना हुआ है.


(इनपुट-IANS)


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