भारत-पाकिस्तान सीमा पर सिख श्रद्धालु दूरबीन से क्यों कर रहे हैं गुरुद्वारे के दर्शन
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भारत-पाकिस्तान सीमा पर सिख श्रद्धालु दूरबीन से क्यों कर रहे हैं गुरुद्वारे के दर्शन

यहां से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कर रहे हैं. ये पवित्र गुरुद्वारा पाकिस्तान के नारोवल जिले में रवि नदी के उस पार स्थित है.

भारत-पाकिस्तान सीमा पर सिख श्रद्धालु दूरबीन से क्यों कर रहे हैं गुरुद्वारे के दर्शन

लाहौर/नई दिल्ली : भारत पाकिस्तान की सीमा पर इन दिनों हलचल बढ़ गई है. गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक में दर्शन स्थल पर अचानक से सिख श्रद्धालुओं की लाइन लंबी हो गई है. ये श्रद्धालु यहां दूरबीन से गुरुद्वारे की एक झलक पाने के लिए आ रहे हैं. आप इस बात से चौंक सकते हैं, लेकिन ये सच है. दरअसल यहां से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कर रहे हैं. ये पवित्र गुरुद्वारा पाकिस्तान के नारोवल जिले में रवि नदी के उस पार स्थित है.

ये गुरुद्वारा सीमा से सिर्फ 4.5 किमी दूर पाकिस्तान में स्थित है. जो सीमा से दिखाई देता है. जब से इस बात की चर्चा शुरू हुई है कि पाकिस्तान करतारपुर बॉर्डर को खोलने जा रहा है. इतना ही नहीं वह यहां पर श्रद्धालुओं को वीजा फ्री एंट्री देने की तैयारी में है. दरअसल पिछले दिनों जब इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू गए थे, उस समय उन्होंने करतारपुर साहिब के लिए बॉर्डर खोलने की गुजारिश की थी. थोड़े दिनों बाद पाकिस्तान सरकार ने इस पर सहमति जताई थी. हालांकि अभी तक इस दिशा में दोनों देशों की ओर से कोई औपचारिक पहल नहीं हुई है.

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अब बीएसएफ ने यहां सीमा पर दर्शनस्थल बनाया है. यहां पर एक दूरबीन की व्यवस्था की गई है. यहां दर्शन स्थल पर खड़े होकर लोग दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन करते हैं. चमकीले सफेद गुंबद वाले गुरुद्वारे के दर्शन यहां से लोग कर रहे हैं. भारत की सीमा से देखने पर इसका ऊपरी हिस्सा ही दिखता है. निचला हिस्सा बड़ी बड़ी एलीफेंट घास में छिपा है.

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सिख इतिहास पर नजर डालें तो हमें पता चलता है कि अपनी प्रसिद्ध चार यात्राओं को पूरी करने के बाद गुरुनानक देव 1522 में करतारपुर साहिब आए फिर यहीं रहने लगे थे. यहीं पर उन्होंने अपने जीवन के अंतिम 17 वर्ष बिताए. उनकी मृत्यु के बाद यहां गुरुद्वारे का निर्माण किया गया. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पटियाला की श्रद्धालु बलजिंदर कौर कहती हैं, 'हर सिख पाकिस्तान में नानकाना साहिब और दूसरे गुरुद्वारों में बिना बाधा प्रवेश की प्रार्थना करता है.

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