भारतीयों को श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं: सिरीसेना
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भारतीयों को श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं: सिरीसेना

श्रीलंका सरकार द्वारा भारतीयों को मछली पकड़ने के अधिकार दिए जाने के विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने कहा है कि उन्होंने नौसेना को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि देश की क्षेत्रीय जलसीमा का उल्लंघन करने वाली नौकाओं को पकड़ लिया जाए।

कोलंबो : श्रीलंका सरकार द्वारा भारतीयों को मछली पकड़ने के अधिकार दिए जाने के विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने कहा है कि उन्होंने नौसेना को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि देश की क्षेत्रीय जलसीमा का उल्लंघन करने वाली नौकाओं को पकड़ लिया जाए।

सिरीसेना ने मत्स्य उद्योग और राजनीतिक प्रतिनिधियों के समक्ष कल रात कहा कि हमने भारतीयों को अपनी जलसीमा में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं दी है। मैंने नौसेना को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी नौकाएं हमारी जलसीमा का उल्लंघन करती हैं, उन्हें पकड़ लिया जाए। विपक्षी समूह नेशनल फ्रीडम फ्रंट ने आरोप लगाया था कि सरकार ने भारत के प्रति तुष्टीकरण की नीति अपनाते हुए भारतीयों को श्रीलंकाई जलसीमा के भीतर मछली पकड़ने के अधिकार दे दिए हैं।

इस दावे के जवाब में सिरीसेना ने कहा कि मैंने अपनी भारत यात्रा (फरवरी में) के दौरान हमारे दोनों देशों के बीच मछली पकड़ने के मुद्दे पर व्यापक चर्चा की। मैं भारत के साथ हमारे दीर्घकालीन द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाए बिना इस मुद्दे को हल करना चाहता हूं। सिरीसेना ने कहा कि वह इस मुद्दे के समाधान के लिए तमिल शासित उत्तरी प्रांतीय परिषद की सकारात्मक भूमिका का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि वे इस मुद्दे का हल करने के लिए अपनी विधायी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं, यहां तक कि वे भारतीय उच्चायुक्त (राजदूत) से भी विचार विमर्श कर सकते हैं। दोनों देशों ने पिछले माह चेन्नई में मछुआरा स्तर की वार्ताएं आयोजित की थीं। भारतीय मछुआरों ने दोनों देशों को अलग करने वाली संकरी समुद्री पट्टी पाक जलडमरूमध्य में तीन साल तक प्रति वर्ष 83 दिन के लिए मछलियां पकड़ने देने की अपील की थी। भारतीय समूहों ने श्रीलंकाई तट से पांच नॉटिकल मील परे ही मछली पकड़ने का आश्वासन दिया था। हालांकि इन वार्ताओं पर कोई आधिकारिक विज्ञप्ति नहीं जारी की गई।

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