49 दिन तक समुद्र में एक नाव पर फंसा रहा 19 साल का युवक, ऐसे लड़ी जिंदगी की जंग
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49 दिन तक समुद्र में एक नाव पर फंसा रहा 19 साल का युवक, ऐसे लड़ी जिंदगी की जंग

फिल्म ''लाइफ ऑफ पाइ'' की याद दिलाने वाली घटना. आल्दी नोवेल नाम का ये युवक एक दो दिन नहीं बल्कि समुद्र में पूरे 49 दिन तक एक फिशिंग हट के साथ फंसा रहा. हमें आश्चर्य से भर देने वाली इस सच्ची घटना के हीरो को 49 दिन बाद पनामा फ्लेग वेसल के सुरक्षाकर्मियों ने बचाया.

आल्दी को बचाए जाने के समय वह इस तरह से इसी नाव पर फंसा था. फोटो : facebook

जकार्ता : कुछ साल पहले आई फिल्म 'लाइफ ऑफ पाई' तो हम सबको याद होगी. ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाली इस फिल्म की कहानी एक ऐसे लड़के के जीवन पर आधारित थी, जो एक नाव में समुद्र में फंस जाता है. वह तो फिल्मी कहानी थी, लेकिन इंडोनेशिया के 19 साल के युवा की कहानी फिल्मी नहीं है. ये हकीकत है. आल्दी नोवेल आदिलांग नाम का ये युवक एक दो दिन नहीं बल्कि समुद्र में पूरे 49 दिन तक एक फिशिंग हट पर फंसा रहा. हमें आश्चर्य से भर देने वाली इस सच्ची घटना के हीरो को 49 दिन बाद पनामा फ्लेग वेसल के सुरक्षाकर्मियों ने बचाया.

आल्दी नोवेल इंडोनेशिया के सुलावेसी का रहने वाला है. वह एक मछली पकड़ने वाली नाव पर लैंपकीपर का काम करता है. स्थानीय भाषा में इसे रोमपोंग कहा जाता है. जहां वह काम करता था, वह समुद्र में 125 किमी अंदर है. आल्दी रोमपोंग के लैंप को जलाने का काम करता था. ये लैंप इस तरह से डिजाइन की गई है, जो जलने के बाद मछलियों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

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बचाव दल ने 49 दिन के बाद उसे सही सलामत बचा लिया.

आल्दी के पिता के मुताबिक वह 16 साल की उम्र से ये काम कर रहा है. हर सप्ताह उसकी कंपनी कोई एक व्यक्ति आता, वह मछलियों के बदले खाने की सप्लाई पानी और फ्यूल लेकर जाता. ये समुद्र में जिस जगह मछलियां पकड़ते थे, वहां पर कंपनी ने 50 से ज्यादा छोटी फ्लोटिंग हट लगा रखी हैं. इनमें से एक फ्लोटिंग हट आल्दी की भी थी. ये सभी हट मानाडो के पानी से मछलियां पकड़ती थीं. ये बड़ी बड़ी रस्सियों से बंधी हुई रहती थीं.

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जापान के बचावकर्मियों ने इसके बाद उसका प्राथमिक उपचार किया.

मध्य जुलाई में एक दिन जब तेज हवाएं अपने जोर पर थी, उसी समय आल्दी की फ्लोटिंग हट समुद्र में बह गई. उस समय उसके पास बस कुछ दिनों के लायक की खाना पानी बचा था. इसके बाद वह उसने मछलियां पकड़कर उनसे अपना पेट भरा. वह उन्हें हट पर मौजूद लकड़ियां जलाकर भूनता और खाता रहा. सबसे बड़ी परेशानी पानी की थी, लेकिन वह उसे अपने कपड़ों में भर लेता फिर उससे पानी को चूसकर उसे पीता. इस तरह से उसका खारापन कुछ कम हो जाता था.

इधर उसे खोजने का काम चलता रहा. ओसाका में मौजूद इंडोनेशियाई कांसुलेट के अनुसार, उसे खोजने के लिए 10 शिप भेजे गए. अंतत: 49 दिन बाद एक दल को उसे खोजने में सफलता मिल गई. 31 अगस्त को उसे गुआम से खोज लिया गया. जकार्ता पोस्ट के अनुसार, एक इंडोनेशियन डिप्लोमेट फजर फिरदौस का कहना है कि कई बार आल्दी के पास से ही बड़े शिप गुजरे, लेकिन वह उसे नहीं देख पाए. कई बार उसने कपड़े उड़ाकर भी शिप को अपनी ओर बुलाने का प्रयास किया.

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सभी फोटो : facebook

एक स्थानीय न्यूज पोर्टल के अनुसार, आल्दी को जब कई दिनों तक कोई सहायता नहीं मिली, तो उसे लगा कि वह नहीं बचेगा. ऐसे में उसे आत्महत्या का भी ख्याल आया. उसने सोचा क्यों न समुद्र में ही छलांग लगा दे. लेकिन ऐसे में उसे अपने मां बाप की सीख याद आई, जो कहते थे, कि ऐसे समय में प्रार्थना करो.

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