परमाणु समझौता: अमेरिका के हटने से ईरान चिंतित, कहा- हमें आशा है चीन और अन्य देश साथ देंगे
चीन के विदेश मंत्री वांय यी के साथ बातचीत के बाद मोहम्मद जवाद जारिफ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें आशा है कि चीन और अन्य देशों की इस यात्रा से हम व्यापक समझौते की भावी रणनीति तैयार करने में सफल रहेंगे.’’
बीजिंग: ईरान के विदेश मंत्री ने रविवार(13 मई) को कहा कि वह अमेरिका के हटने के बाद विघटन के कगार पर पहुंच चुके परमाणु समझौते के संबंध में स्पष्ट भावी रणनीति तैयार किये जाने को लेकर आशान्वित हैं. चीन के विदेश मंत्री वांय यी के साथ बातचीत के बाद मोहम्मद जवाद जारिफ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें आशा है कि चीन और अन्य देशों की इस यात्रा से हम व्यापक समझौते की भावी रणनीति तैयार करने में सफल रहेंगे.’’ इसके बाद जारिफ मॉस्को और ब्रसेल्स जाएंगे जो इस समझौते में अब भी बने हुए हैं.
अमेरिका के अलावा चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. अर्ध- सरकारी संवाद समिति आईएसएनए के मुताबिक बीजिंग पहुंचने के बाद जारिफ ने कहा कि तेहरान ‘ सभी विकल्पों के लिए तैयार है.’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर परमाणु समझौता जारी रहता है तो ईरान के लोगों के हितों को सुनिश्चित किया जाएगा. ’’
डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान- अमेरिका ईरान परमाणु समझौते से हुआ अलग
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान परमाणु समझौते से हटने का ऐलान कर दिया है. आपको बता दें कि ईरान परमाणु समझौता तेहरान और छह वैश्विक शक्तियों के बीच 2015 में हुआ था. इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि, "मैं कल व्हाइट हाउस से दोपहर दो बजे ईरान परमाणु समझौते पर अपने फैसले का ऐलान करूंगा." जानकारी के मुताबिक ट्रंप विचार कर रहे हैं कि क्या ईरान के ऊर्जा और बैंकिंग क्षेत्र पर दोबारा प्रतिबंध लगाए जाए या नहीं.
राष्ट्रपति पद संभालने के बाद बीते 15 महीनों में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मंगलवार का यह फैसला सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा था. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन हाल ही में ट्रंप पर दबाव बना चुके थे कि अमेरिका को इस समझौते से जुड़े रहना चाहिए. ट्रंप कई मौकों पर कह चुके थे कि यदि इस समझौते को संशोधित नहीं किया गया तो अमेरिका इस समझौते से अलग हो जाएगा.
गुटेरेस ने परमाणु समझौते से अलग होने के अमेरिका के फैसले पर चिंता जताई
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के अमेरिका के फैसले पर 'गहरी चिंता' जताई है. ईरान और छह वैश्विक शक्तियों अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस और जर्मनी के बीच जुलाई 2015 में हुए समझौते के आधिकारिक नाम (जेसीपीओए) का जिक्र करते हुए गुटेरेस ने एक बयान में कहा, "मैं आज (मंगलवार) की घोषणा को लेकर अत्यधिक चिंतित हूं कि अमेरिका संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) से अलग हो जाएगा और (ईरान के खिलाफ) फिर से प्रतिबंध लगाएगा." समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुटेरेस ने कहा, "मैं अन्य जेसीपीओए प्रतिभागियों से जेसीपीओए के तहत अपनी संबंधित प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह पालन करने और अन्य सभी (संयुक्त राष्ट्र) सदस्य देशों से इस समझौते का समर्थन करने का आग्रह करता हूं."
इनपुट भाषा से भी