संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने (UN Security Council) ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंधों की अवधि अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
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संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने (UN Security Council) ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंधों की अवधि अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार (15 अगस्त) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा, इस्लामिक गणतंत्र पर हथियारों का विस्तार करने के लिए इनके दुश्मन "कभी भी अलग-थलग नहीं हुए".
संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय परिषद में शुक्रवार (14 अगस्त) को दो देशों ने प्रस्ताव के समर्थन और दो देशों ने उसके खिलाफ मतदान किया, जबकि 11 देश अनुपस्थित रहे. रूस और चीन ने इसका विरोध किया जबकि जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और आठ अन्य देशों ने मतदान नहीं किया.
रूहानी ने आगे कहा, यूनाइटेड स्टेट्स ने साल 2015 में जो प्रमुख शक्तियों के साथ समझौता किया था वो एक तरह से Half Alive है, यानी एक ऐसी डील जिसमें आधी जान हो. रूहानी ने एक कहा, 'अपमान के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका इस साजिश में विफल रहा.'
गौरतलब है कि अमेरिका ने ईरान के साथ मई 2018 में हुए परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था. इसके साथ ही ट्रंप ने ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंधों को लागू करने की बात कही थी. डोनाल्ड ट्रंप के वापस लेने के फैसले को परिषद के 15 सदस्यों में से सिर्फ 2 ने ही पक्ष में मतदान किया था. ये प्रस्ताव वाशिंगटन और उसके यूरोपीय सहयोगियों के बीच विभाजन को उजागर करता है. उस दौरान वाशिंगटन के यूरोपीय सहयोगियों ने सभी को रोक दिया था और ईरान ने यह कहकर ट्रंप प्रशासन का मजाक उड़ाया था कि अमेरिका ने केवल एक दूसरे देश, डोमिनिकन गणराज्य के समर्थन को जीतने के लिए ऐसा किया है.
संयुक्त राष्ट्र के फैसले के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, ''उसने ईरान पर 13 वर्ष पुराने हथियार प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने के उचित प्रस्ताव को खारिज कर दिया और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बिना परंपरागत हथियार खरीदने एवं बेचने के लिए आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले दुनिया के अग्रणी देश का रास्ता साफ कर दिया, जो कि एक दशक से भी अधिक समय में पहली बार हुआ है.''