ईरान ने चेताया- परमाणु समझौता तोड़ने पर अमेरिका को होगा पछतावा
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ईरान ने चेताया- परमाणु समझौता तोड़ने पर अमेरिका को होगा पछतावा

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार(6मई) को कहा कि अगर अमेरिका तेहरान और विश्व की ताकतों के बीच हुए परमाणु समझौते को तोड़ता है तो वॉशिंगटन को बाद में पछताना पड़ेगा.

रूहानी ने कहा कि ट्रंप को जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं.(फाइल फोटो)

तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार(6मई) को कहा कि अगर अमेरिका तेहरान और विश्व की ताकतों के बीच हुए परमाणु समझौते को तोड़ता है तो वॉशिंगटन को बाद में पछताना पड़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेताया है कि 12 मई को वह समझौता को आगे नहीं बढ़ाएंगे. उन्होंने मांग की है कि अमेरिका के यूरोपीय सहयोगी खामियों को दूर करें नहीं तो वह फिर से पाबंदी लगाएंगे. उत्तर-पश्चिम ईरान में टेलीविजन पर अपने संबोधन में रूहानी ने कहा, ‘‘अगर अमेरिका परमाणु समझौते को छोड़ता है तो आप जल्द ही देखेंगे कि उन्हें उस तरह पछतावा होगा जैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ.’’

रूहानी ने कहा, ‘‘ट्रंप को जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं, यहूदी शासन (इजराइल) को यह जरूर जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं.’’ बराक ओबामा के नेतृत्व में 2015 में अमेरिका ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ईरान के बीच परमाणु समझौता हुआ था. 

ईरान के पास एक संगठित, गोपनीय परमाणु हथियार प्रोग्राम; व्हाइट हाउस ने कहा
व्हाइट हाउस का आरोप था कि ईरान के पास एक संगठित और गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम है जिसे उसने दुनिया और अपने लोगों से छुपाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन असफल रहा. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स का कहना है कि मिसाइल के जरिए इस्तेमाल किये जा सकने वाले परमाणु हथियार विकसित करने के ईरान के प्रयासों के संबंध में इजरायल ने हाल ही में सूचना दी है. सैंडर्स का कहना है कि इस संबंध में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बातचीत भी हुई है.

नेतन्याहू का कहना है कि उनके पास इसका पुख्ता सबूत है कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों के बारे में झूठ बोला है. सैंडर्स ने कह कि यह तथ्य अमेरिका के पास लंबे समय से उपलब्ध सूचनाओं के मेल खाते हैं. ईरान के पास एक संगठित और गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम है, लेकिन वह उसे दुनिया और अपने लोगों से छुपाने में नाकाम रहा है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर परमाणु समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है. यह ऐतिहासिक करार 2015 में हुआ था. इस समझौते पर रूस, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने हस्ताक्षर किए थे.

इनपुट भाषा से भी 

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