Iran News: ईरान में एक वरिष्ठ शिया मुस्लिम मौलवी और विशेषज्ञों की शक्तिशाली सभा के सदस्य अयातुल्ला सुलेमानी (75) की उत्तरी ईरान में गोली मारकर हत्या कर दी गई. माज़ंदरान प्रांत के बाबोलसर में एक बैंक में उन्हें गोली मार दी गई. यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है और इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.


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अयातुल्ला सुलेमानी (75), बुधवार को लगभग 10:30 (07:00 GMT) पर निजी काम से बाबोलसर में बैंक बेली की एक शाखा में गए थे. सोशल मीडिया पर वायरल सीसीटीवी फुटेज में मौलवी को बैंक के अंदर एक कुर्सी पर बैठे पारंपरिक काले बागे और सफेद पगड़ी में दिखाया गया है.


 



वायरल फुटेज में नीले और सफेद रंग की वर्दी पहने और सबमशीन गन जैसी दिखने वाली एक बंदूक के साथ एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति पीछे से उनकी ओर बढ़ता हुआ दिखाई देता है और फिर गोलियां चला देता है. इसके बाद दो लोग गोली चलने वाले शख्स को पकड़ लेते हैं.


क्या कहा गर्वनर ने?
मज़ंदरान के गवर्नर महमूद हुसैनीपुर नूरी ने कहा कि हमलावर एक स्थानीय व्यक्ति था जो बैंक की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा ठेकेदार द्वारा नियुक्त कई सशस्त्र गार्डों में से एक था. उन्होंने स्टेट टीवी को बताया, ‘अभी तक, हमलावर का मकसद स्पष्ट नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच जारी थी, लेकिन हमारी जानकारी और दस्तावेज बताते हैं कि यह सुरक्षा या आतंकवादी कृत्य नहीं था.


हालांकि बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के शिया मदरसों की आधिकारिक वेबसाइट हौज़हन्यूज़ की एक प्रारंभिक रिपोर्ट में एक गवाह के हवाले से कहा गया है कि हमलावर एक अन्य शख्स था जिसने एक बैंक गार्ड की बंदूक छीन ली और गोली चला दी.


कौन थे अयातुल्ला सेलमानी
अयातुल्ला सुलेमानी विशेषज्ञों की सभा के 88 मौलवियों में से एक थे, जो ईरान के सर्वोच्च नेता की नियुक्ति करती है. यह सभा सर्वोच्च नेता के प्रदर्शन पर नजर रखती है और सैद्धांतिक रूप से उसे हटाने की भी शक्ति रखती है यदि वह अपने कर्तव्यों को पूरा करने में अक्षम पाया गया.


अयातुल्ला सुलेमानी ने इससे पहले अशांत दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में वर्तमान सर्वोच्च नेता, अयातुल्ला अली खामेनेई के निजी प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया. करीब 17 साल तक वह यह भूमिका निभाते रहे और 2019 में उन्होंने यह पद छोड़ दिया.


बीबीसी फ़ारसी की रिपोर्ट के मुताबिक सुलेमानी एक कट्टरपंथी थे, जिन्होंने वर्क प्लेस सहित इस्लामिक गणराज्य में सभी सार्वजनिक स्थानों पर लिंग अलगाव का समर्थन किया.