इराक: मिलिशिया लड़ाकों के साथ सशस्त्र संघर्ष, जनरल की मौत
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इराक: मिलिशिया लड़ाकों के साथ सशस्त्र संघर्ष, जनरल की मौत

 प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस्माइल की मौत की पुष्टि की और उनकी मौत का जिम्मेदार अनुशासनहीन लड़ाकों को बताया. 

प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस्माइल की मौत की पुष्टि की और उनकी मौत का जिम्मेदार अनुशासनहीन लड़ाकों को बताया.(फाइल फोटो)

सामर्रा: इराकी प्रधानमंत्री की संघर्ष में तबाह हुए प्रांत की यात्रा से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभाल रहे एक जनरल की मिलिशिया लड़ाकों के साथ सशस्त्र संघर्ष में मौत हो गई. विशेष बल कमांडर शरीफ इस्माइल संघर्ष में तबाह हुए नीनवे प्रांत में प्रधानमंत्री हैदर अल आब्दी की यात्रा तैयारी करके बगदाद लौट रहे थे. प्रधानमंत्री की यह यात्रा गुरुवार को होनी है. एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि प्रतिष्ठित शिया धर्म गुरू मौकतदा सद्र के प्रति वफादार समूह सरया अल- सलाम के लड़ाकों के साथ कहा सुनी हो गई थी जिसके बाद संघर्ष हो गया.

  1. गोलीबारी में जनरल की मौत हो गई
  2. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मौत की पुष्टि की
  3. आब्दी ने मामले की जांच शुरू करने के निर्देश दिए

सूत्र ने बताया कि गोलीबारी में जनरल की मौत हो गई जबकि उनके तीन कर्मी जख्मी हो गए. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस्माइल की मौत की पुष्टि की और उनकी मौत का जिम्मेदार अनुशासनहीन लड़ाकों को बताया. हालांकि प्रधानमंत्री के दफ्तर ने किसी समूह का नाम नहीं लिया. आब्दी ने तुरंत मामले की जांच शुरू करने के निर्देश दिए.

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दिसंबर में इराक से हो गया था ISIS का सफाया
बता दें 14 जनवरी को इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने घोषणा करते हुए कहा था कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के साथ देश का युद्ध समाप्त हो गया है. अल अबादी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि आईएस के कब्जे में सीरिया के पास बचे हुए इराकी क्षेत्र अब पूरी तरह से इराकी सशस्त्र सेना के कब्जे में हैं.

उन्होंने कहा, "हमारी सेना इराकी-सीरियाई सीमा पर पूरी तरह से नियंत्रण में है और इसलिए मैं आईएस के विरुद्ध युद्ध समाप्ति की घोषणा करता हूं." अल अबादी ने कहा था कि हमारे दुश्मन हमारी सभ्यता को समाप्त करना चाहते हैं लेकिन हमने अपनी एकता व प्रतिबद्धता से जीत दर्ज की है. हमने कम समय में जीत दर्ज की है.

पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक इराक
प्रेस की स्वतंत्रता के संबंध में नवंबर 2017 को एक अंतरराष्ट्रीय संकेतक ने पत्रकारों के लिए असुरक्षित देशों की सूची जारी की थी, जिसमें इराक का नाम टॉप पर था. इस लिस्ट में पाकिस्तान भी शामिल था. रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशिया के इन दोनों देशों में हालांकि कई अन्य राष्ट्रों के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रेस की आजादी है लेकिन यहां पत्रकार आतंकियों, धार्मिक समूहों और माफिया के निशाने पर होते हैं. इसलिए उन्हें खतरा बना रहता है. पत्रकारों के लिए सर्वाधिक खतरनाक नौ देशों की सूची में इराक सबसे ऊपर है और दूसरे नंबर पर सीरिया और तीसरे पर मेक्सिको है. अफगानिस्तान सातवें स्थान पर है. हालांकि, इराक में आईएसआईएस के खात्मे के बाद पत्रकारों के लिए स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है.

इनपुट भाषा से भी 

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