इराक के पीएम ने कहा, 39 भारतीय मजदूरों के साथ क्या हुआ पता नहीं
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इराक के पीएम ने कहा, 39 भारतीय मजदूरों के साथ क्या हुआ पता नहीं

अपहृत मजदूर इराक की एक निर्माण कंपनी में काम करते थे. 2014 में आईएस के इराक के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों पर कब्जा करने से पहले हजारों की संख्या में भारतीय मजदूर यहां रहते और काम करते थे.

एक साक्षात्कार में अल-अबादी ने कहा कि स्थिति “फिलहाल जांच के दायरे में है. मैं आगे इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.” (फाइल फोटो)

बगदाद: इराक के प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी ने कहा कि इस्लामिक स्टेट संगठन के आतंकियों द्वारा तीन साल पहले मोसूल पर किए गए हमले में फंसे 39 भारतीय मजदूरों के साथ क्या हुआ इसका अब तक पता नहीं चल सका है. एसोसिएटेड प्रेस के साथ शनिवार (16 सितंबर) को हुए एक साक्षात्कार में अल-अबादी ने कहा कि स्थिति “फिलहाल जांच के दायरे में है. मैं आगे इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जुलाई में मजदूरों के रिश्तेदारों से कहा था कि हो सकता है उन्हें मोसूल के बादुश कारागार में बंद कर रखा गया हो. इराकी बलों ने आईएस से इस जेल का कब्जा फिर से अपने हाथों में ले लिया था.

अपहृत मजदूर इराक की एक निर्माण कंपनी में काम करते थे. 2014 में आईएस के इराक के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों पर कब्जा करने से पहले हजारों की संख्या में भारतीय मजदूर यहां रहते और काम करते थे. नौ महीने की भीषण लड़ाई के बाद जुलाई में इराकी बलों ने आईएस पर जीत हासिल कर मोसूल पर फिर से कब्जा कर लिया था.

39 भारतीयों की मौत का कोई प्रमाण नहीं, तलाश जारी रहेगी : सुषमा

इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार (26 जुलाई) को संसद में कहा था कि इराक में लापता हुए 39 भारतीय जीवित हैं या मृत, इसका कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन जब तक उनके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल जाती, तब तक उनकी खोजबीन जारी रहेगी. सुषमा ने लोकसभा में इस आरोप को खारिज किया कि सरकार इस मामले में देश को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि जब तक कोई सबूत नहीं मिल जाता, जून 2014 में इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीयों को मृत घोषित करना 'पाप' होगा.

उन्होंने कहा था कि उन्होंने इराक सरकार को सबूत के साथ जानकारी देने को कहा है कि उन 39 भारतीयों के साथ क्या हुआ. मंत्री ने कहा कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए, उनके कब्जे से निकल भागने में कामयाब रहे हरजीत मसीह ने दावा किया है कि भारतीयों की मोसुल के एक जंगल में गोली मारकर हत्या कर दी गई, लेकिन कोई शव या सबूत नहीं मिले हैं. सुषमा ने कहा था कि प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीयों के समूह को मोसुल में पकड़ा गया, जेल ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें निर्माण कार्यो और फिर खेतीबाड़ी में लगाया गया. इसके बाद उन्हें 2016 में बदुश जेल ले जाया गया, जिसके बाद से उनकी कोई सूचना नहीं है.

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