ISI की है अपनी विदेश नीति, आतंकी समूहों के साथ हैं संबंध : अमेरिका
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ISI की है अपनी विदेश नीति, आतंकी समूहों के साथ हैं संबंध : अमेरिका

भारत और अफगानिस्तान भी समय-समय पर पाकिस्तान पर ऐसे आरोप लगाते रहे हैं.

(फाइल फोटो)

वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संबंध आतंकवादी समूहों के साथ हैं और उसकी अपनी विदेश नीति है. पाकिस्तान ने हालांकि अमेरिका के इन आरोपों से इनकार किया है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी द्वारा आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का यह अब तक संभवत: सबसे कड़ा आरोप है. भारत और अफगानिस्तान भी समय-समय पर अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान पर ऐसे आरोप लगाते रहे हैं.

  1. पहली बार रक्षा मंत्री ने किया स्वीकार 
  2. विदेश मंत्री 3 दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे 
  3. दक्षिण एशिया नीति में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी नीति

संसदीय सुनवायी के दौरान सीनेट की विदेश संबंधों की समिति को अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने बताया, ‘‘मुझे लगता है, मेरे लिए यह स्पष्ट है कि आईएसआई से संबंध आतंकवादी संगठनों के साथ हैं.’’ डनफोर्ड सीनेटर जो डोन्नेली के सवाल का जवाब दे रहे थे.

यह भी पढ़ें: आतंकियों को पनाह देना बंद करे पाक तो भारत से उठा सकता है लाभ: जिम मैटिस

डोन्नेली ने पूछा था कि क्या डनफोर्ड को लगता है कि आईएसआई अभी भी तालिबान की मदद कर रहा है? डनफोर्ड ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान के व्यवहार में बदलाव लाने के प्रयासों के तहत अमेरिका द्विपक्षीय रूख अपना रहा है. उन्होंने हालांकि कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि पाकिस्तान के व्यवहार में एक बात है जो बदलेगी. डनफोर्ड ने आशा जतायी है कि शायद बहुपक्षीय रूख से पाकिस्तान के व्यवहार में कुछ बदलाव आये.

शीर्ष अमेरिकी जनरल के साथ वहां मौजूद रक्षा मंत्री जिम मैट्टिस ने आईएसआई की आलोचना की. सार्वजनिक रूप से पहली बार मैट्टिस ने यह स्वीकार किया कि आईएसआई की अपनी विदेश नीति है और ऐसा नहीं लगता कि वह संघीय सरकार के अधीन है.

गौर करने वाली बात ये है कि ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के यह बयान ऐसे समय पर आए हैं जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ तीन दिवसीय दौरे पर वाशिंगटन पहुंच चुके हैं.

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