ISIS ने ली काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट हमले की जिम्मेदारी, अमेरिका ने कहा- ऑपरेशन जारी रहेगा
Advertisement

ISIS ने ली काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट हमले की जिम्मेदारी, अमेरिका ने कहा- ऑपरेशन जारी रहेगा

26 अगस्त को ISIS-K आतंकवादियों ने काबुल एयरपोर्ट के पूर्वी गेट पर आत्मघाती हमला (Kabul Airport Blast) किया था. जिसमें 170 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे. अब एक बार फिर हमले की जिम्मेदारी ली है.

 

फाइल फोटो.

काबुल: तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात हर रोज बिगड़ते जा रहे हैं. दहशत के मारे लोग काबुल छोड़कर भाग रहे हैं वहीं आतंकी हमले भी बढ़ते जा रहे हैं. सोमवार को भी काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट हमले हुए. इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने ली है. 

  1. लगातार बिगड़ते जा रहे काबुल के हालात
  2. काबुल एयरपोर्ट के बास एक और हमला
  3. ISIS ने ली मिसाइल हमले की जिम्मेदारी
  4.  

अमेरिका का ऑपरेशन जारी रहेगा

वहीं अमेरिका (America) ने कहा, काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) की तरफ कम से कम पांच रॉकेट दागे गए थे. लेकिन इन रॉकेट्स के अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने उन्हें इंटरसेप्ट कर लिया था. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि रॉकेट हमलों के बावजूद नागरिकों को निकालने का ऑपरेशन जारी रहेगा.

अमेरिका की उड़ानों पर कोई असर नहीं

बता दें, सोमवार को आतंकवादियों द्वारा दागे गए रॉकेट काबुल हवाई अड्डे के करीब गिरे थे. आतंकवादी संगठन की मीडिया इकाई अमाक न्यूज एजेंसी ने हमले की जिम्मेदारी संबधी दावे किए. हालांकि, उसने घटना की विस्तृत जानकारी नहीं दी. हालांकि, इस हमले का असर अमेरिकी सेना के मालवाहक विमानों सी-17 की उड़ानों पर नहीं पड़ा जो हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं. आतंकवादी संगंठन इस्लामिक स्टेट ने गुरुवार को हवाई अड्डे के एक एंट्री गेट पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 169 अफगानों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी.

यह भी पढ़ें: तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट के 3 गेट्स पर किया कब्जा, उड़ानों पर भी लगाई रोक

अफगानिस्तान में कतर की भूमिका बढ़ी

इस बीच अफगानिस्तान से हजारों नागरिकों को बाहर निकालने के अमेरिकी प्रयास में कतर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. अब इस छोटे से खाड़ी देश से अफगानिस्तान का भविष्य तय करने में मदद करने की अपील की जा रही है क्योंकि उसके रिश्ते वॉशिंगटन और तालिबान दोनों के साथ अच्छे हैं. अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की तरफ से बैठक की. देश पर तालिबान का कब्जा होने के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी लगभग पूरी कर ली है.

LIVE TV

Trending news