सबसे अमीर आतंकी समूह ISIS का अपना मुद्रा शुरू करने का दावा
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सबसे अमीर आतंकी समूह ISIS का अपना मुद्रा शुरू करने का दावा

आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने सिक्के ढालकर अपनी मुद्रा शुरू करने का दावा किया है और साथ ही इसने अपने इस कदम को 11 सितंबर के बाद अमेरिका के लिए एक ‘‘दूसरा झटका’’ बताया है। यह दावा हाल ही में जारी एक वीडियो के जरिए किया गया है।

सबसे अमीर आतंकी समूह ISIS का अपना मुद्रा शुरू करने का दावा

वाशिंगटन : आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने सिक्के ढालकर अपनी मुद्रा शुरू करने का दावा किया है और साथ ही इसने अपने इस कदम को 11 सितंबर के बाद अमेरिका के लिए एक ‘‘दूसरा झटका’’ बताया है। यह दावा हाल ही में जारी एक वीडियो के जरिए किया गया है।

वृत्तचित्र की तरह बनी वीडियो में चरमपंथी समूह ने अपनी नई मुद्रा पेश करते हुए दावा किया कि उसने अपने सोने के सिक्के ढालना और उन्हें प्रसारित करना शुरू कर दिया है।

एसआईटीई खुफिया समूह के अनुसार, वीडियो में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) ने इस कदम को 11 सितंबर के हमलों के बाद ‘‘अमेरिका और इसकी दासता वाली पूंजीवादी आर्थिक व्यवस्था के लिए दूसरा झटका’’ बताया है।

शनिवार को जारी ‘खलीफा का उदय और स्वर्ण दीनार की वापसी’ नामक वीडियो में आईएसआईएस ने सोने, चांदी और तांबे के सिक्कों को गलाए जाते हुए दिखाया है।

यरूशलम पोस्ट की खबर के अनुसार, आईएसआईएस की नई मुद्रा कई राशियों में सोने, चांदी और तांबे के सिक्कों के रूप में है।

इस प्रचार वीडियो में बोल रहे वक्ता के अनुसार, सिक्कों पर इस्लामी प्रतीक छपे हैं और ‘‘शरिया कानून के अनुरूप किसी इंसान या जानवर की तस्वीर इनपर नहीं हैं’’।

वक्ता कहता है, एक सिक्के का पिछला हिस्सा गेहूं की सात बालियां दिखाता है, जो कि अल्लाह की राह में खर्च करने पर मिलने वाले आशीर्वाद को प्रदर्शित करता है। इस वीडियो में बोली गई बातें अंग्रेजी में हैं, जिनके अरबी लिखित स्वरूप को साथ में दिया गया है। वीडियो की शुरूआत ‘‘संघीय रिजर्व डॉलर नोट के आधार पर खड़ी दासता वाली पूंजीवादी अर्थ व्यवस्था’’ के एक व्यापक विश्लेषण के साथ होती है। इसके साथ ही इसमें उस भ्रष्टाचार का भी जिक्र है, जिसने अर्थव्यवस्था को अमेरिका के हाथों तबाही का शिकार बनने दिया।

पिछले साल नवंबर में आईएसआईएस ने सोने, चांदी और तांबे में अपनी मुद्रा लाने की योजना की घोषणा की थी। इसने कहा था कि मुद्रा का उद्देश्य ‘‘निरंकुश शासक की आर्थिक व्यवस्था’’ से दूर रहना है।

आईएसआईएस को इतिहास के सबसे अमीर आतंकी समूहों में से एक माना जाता है। चोरी, तेल की तस्करी, रंगदारी और मानव तस्करी इस चरमपंथी समूह के आय के स्रोत माने जाते हैं। यह समूह सीरिया और इराक के बड़े हिस्सों पर कब्जा जमा चुका है।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि आईएसआईएस एक आत्मनिर्भर आर्थिक बल बन गया है क्योंकि यह समूह एक दिन में 30 लाख डॉलर से अधिक कमाता है।

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