ISKCON on Chinmoy Krishna Das: इस्कॉन ने साफ कर दिया है उसने बांग्लादेश में गिरफ्तार हुए चिन्मय कृष्ण दास से किनारा नहीं किया है. बल्कि इस्कॉन उनके अधिकार और स्वतंत्रता का समर्थन करता है.
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Chinmoy Krishna Das arrest: इस समय बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और उसके विरोध में हिंदुओं की आवाज बने इस्कॉन के पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास लगातार चर्चा में बने हुए हैं. बांग्लादेश में इस्कॉन के कई मंदिर हैं और बड़ी संख्सा में अनुयायी हैं. चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं समेत दुनिया भर में खासी नाराजगी है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. इस बीच इस्कॉन ने बयान जारी करके कहा है कि वह बांग्लादेश में गिरफ्तार चिन्मय कृष्ण दास का समर्थन करता है. साथ ही उनके द्वारा हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की रक्षा के लिए शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन को भी समर्थन देता है.
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इस्कॉन ने खुद को उनसे दूर नहीं किया
इस्कॉन ने कहा है कि हमने चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों और स्वतंत्रता का समर्थन करने से इंकार नहीं किया है और न ही खुद को इससे दूर रखा है. दरअसल, इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारू चंद्र दास ने एक बयान में कहा था कि चिन्मय प्रभु को इस्कॉन से निकाल दिया गया है. वे सितंबर से ही इस्कॉन के साथ नहीं है. इसके बाद इस्कॉन ने अपना स्टैंड साफ किया है और कहा है कि वो चिन्मय प्रभु के शांतिपूर्वक प्रदर्शन के साथ है.
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हम हिंसक गतिविधियों के खिलाफ
हम अध्यात्म और धर्म के लिए काम करने वाली संस्था हैं. हम हिंसक गतिविधियों के खिलाफ हैं. हमारे सभी सनातनी समूह बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और अल्पसंख्यकों के साथ शांतिपूर्ण माहौल को फिर से स्थापित करने का भी समर्थन करते हैं.
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कोर्ट ने दिया हक में फैसला
इससे पहले बांग्लादेश में इस्कॉन को बैन किए जाने की मांग पर खासा बवाल मचा हुआ था. फिर बांग्लादेश हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसे आदेश की मांग को खारिज कर दिया. लेकिन चिन्मय प्रभु पर देशद्रोह का मामला कायम है और उन्हें अब तक जमानत भी नहीं मिली है. बता दें कि चिन्मय प्रभु को बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है.