पाकिस्तानी से 'जबरन निकाह' को मजबूर भारतीय महिला लौटेगी स्वदेश, हाई कोर्ट ने वाघा बॉर्डर तक सुरक्षा देने को कहा
Advertisement

पाकिस्तानी से 'जबरन निकाह' को मजबूर भारतीय महिला लौटेगी स्वदेश, हाई कोर्ट ने वाघा बॉर्डर तक सुरक्षा देने को कहा

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी व्यक्ति पर जबरन शादी करने का आरोप लगाने के बाद यहां भारतीय उच्चायोग में शरण लेने वाली भारतीय महिला को भारत लौटने की बुधवार (24 मई) को अनुमति दे दी और पुलिस को उसे वाघा बॉर्डर तक छोड़ने के आदेश दिए. उजमा इस महीने पाकिस्तान आई थी. उसने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली ने शादी करने के लिए उसे मजबूर किया.

न्यायमूर्ति कयानी ने पुलिस को आदेश दिया कि वह उजमा को भारत और पाकिस्तान के बीच वाघा बॉर्डर पर छोड़ें.

इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी व्यक्ति पर जबरन शादी करने का आरोप लगाने के बाद यहां भारतीय उच्चायोग में शरण लेने वाली भारतीय महिला को भारत लौटने की बुधवार (24 मई) को अनुमति दे दी और पुलिस को उसे वाघा बॉर्डर तक छोड़ने के आदेश दिए. उजमा इस महीने पाकिस्तान आई थी. उसने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली ने शादी करने के लिए उसे मजबूर किया.

उजमा ने 12 मई को अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उसे घर वापस जाने की अनुमति दी जाए क्योंकि उसकी पहली शादी से हुई बेटी भारत में थलीसीमिया से पीड़ित हैं अली ने अदालत में अपनी याचिका में आग्रह किया था कि उसे उसकी पत्नी से मिलने दिया जाए.

न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी की एकल पीठ ने आज दोनों याचिकाओं पर सुनवाई की. उनकी दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने उजमा को भारत लौटने की अनुमति दी. अदालत ने उसके वीजा दस्तावेज भी लौटा दिए जो अली ने ले लिए थे. अदालत के आदेश के बाद दस्तावेजों को मंगलवार (23 मंगलवार) को अदालत में सौंपा गया था.

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उजमा भारत के लिए कब रवाना होगी. अदालत के आदेश से दुखी अली ने कहा कि उच्च न्यायालय ने ‘उसकी पत्नी’ को वापस जाने की अनुमति दे दी और मैं इससे नाखुश हूं क्योंकि मेरी बात सुनी नहीं गई. न्यायमूर्ति कयानी ने पुलिस को आदेश दिया कि वह उजमा को भारत और पाकिस्तान के बीच वाघा बॉर्डर पर छोड़ें. न्यायमूर्ति ने उजमा से पूछा कि क्या वह उनके चैंबर में अली से मिलना चाहती है, लेकिन उसने इनकार कर दिया.

अली ने कहा, ‘मैं दो मिनट के लिए उससे मिलना चाहता था लेकिन मुझे मंजूरी नहीं दी गई.’ कुछ खबरों के अनुसार, उजमा सुनवाई के दौरान अदालत में एक बार बेहोश हो गई और उसका इलाज करने के लिए चिकित्सों को बुलाया गया. उजमा एक मई को पाकिस्तान आयी थी और फिर खबर पख्तूनख्वा में दूरवर्ती बुनेर प्रांत गई थी जहां उसने तीन मई को अली से निकाह किया.

बाद में वह इस्लामाबाद आई और उसने भारतीय उच्चायोग में शरण ली. उसने आरोप लगाया कि अली ने बंदूक का डर दिखाकर उससे जबरन शादी की. अली ने इन आरोपों को खारिज किया और अपने रिश्ते को सुधारने की इच्छा जताई. उसने कहा, ‘वह अब भी मेरी पत्नी है. ना तो उसने तलाक के लिए कहा और ना ही मैंने उसे तलाक दिया.’

पाकिस्तान में कानून के अनुसार, उसका वकील उसका प्रतिनिधित्व कर सकता है और वह अपने मामले को आगे बढ़ाने के लिए वापस आ सकती है. खबरों के अनुसार, उजमा और अली की मुलाकात मलेशिया में हुई थी और उन दोनों को प्यार हो गया था जिसके बाद वह वाघा बार्डर के रास्ते से एक मई को पाकिस्तान आयी थी.

Trending news