तेल अवीव: इजरायल (Israel) के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने कहा कि गाजा पट्टी (Gaza Strip) में उनके हमले ने हमास (Hamas) को कई साल पीछे कर दिया है और इसे फिर से बनाना बहुत मुश्किल होगा. यह टिप्पणी इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में 11 दिनों तक चले रक्तपात (Israel-Palestine Conflict) के रुकने के बाद आई है.


गाजा में मारे गए 230 फिलिस्तीनी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि 11 दिनों की जबरदस्त लड़ाई के दौरान गाजा में लगभग 230 फिलिस्तीनी मारे गए और लगभग 2,000 अन्य घायल हो गए, जबकि इजरायल में 13 लोग मारे गए. नाम नहीं बताने की शर्त पर जानकारी देते हुए वरिष्ठ कमांडर ने इजरायल के टारगेट्स की संख्या तो नहीं दी, केवल यह कहा कि उनमें हजारों थे.


ऐसे हुई थी संघर्ष की शुरुआत


उन्होंने कहा कि इजरायल का लक्ष्य हमास की गणना को बदलना था जब उसने इजरायल को भड़काने का फैसला किया था. लड़ाई तब शुरू हुई जब हमास ने अल-अक्सा मस्जिद के आसपास के शहर में हफ्तों के तनाव के बाद यरूशलेम पर मिसाइल हमला किया. हमले ने इजरायल को आश्चर्यचकित कर दिया. इसके बाद हमने बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की.


ये भी पढ़ें- असम में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी, मार गिराए 8 उग्रवादी


हमास ने इजरायल पर दागे 4000 से ज्यादा रॉकेट


इजरायल रक्षा बलों (IDF) के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इजरायल में 4,000 से ज्यादा रॉकेट दागे. आक्रामकता का मतलब मध्य-पूर्व में इजरायल के अन्य विरोधियों को सावधान करना था.


हालांकि जैसे-जैसे ऑपरेशन जारी रहा और फिलिस्तीनी मरने वालों की संख्या बढ़ी, इजरायल को कड़ी अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा. सबसे ज्यादा विवादित इजरायली हवाई हमलों में से एक में, जब एसोसिएटेड प्रेस और अल जजीरा की एक बिल्डिंग को निशाना बनाया गया. बिल्डिंग में मौजूद लोगों को चेतावनी दी गई कि हमला होने से पहले बिल्डिंग खाली कर दें.


ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस चीन का फैलाया हुआ एक जैविक हथियार? जानिए क्यों कहा जा रहा है ऐसा


आईडीएफ ने दावा किया कि हमास उसी बिल्डिंग से बड़े अभियान को चला रहा था. बिल्डिंग का इस्तेमाल हमास खुफिया, अनुसंधान और विकास गतिविधि के लिए कर रहा था. वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि यह संवेदनशील खुफिया जानकारी है जिसे हमने वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के साथ पूरी पारदर्शिता के साथ साझा किया.


LIVE TV