महज एक रोटी के चलते अल्पमत में आ गई इस देश की सरकार, जानें क्या है मामला?
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महज एक रोटी के चलते अल्पमत में आ गई इस देश की सरकार, जानें क्या है मामला?

इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट मुश्किल में घिर गए हैं. उनकी गठबंधन सरकार की सबसे अहम सहयोगी इडित सिलमैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सांसद सिलमैन ने अस्पतालों में खानपान संबंधी नियमों को लेकर ऐसा किया है.

इजरायल के प्रधानमंत्री (दाएं) विदेश मंत्री से बातचीत करते हुए (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

यरुशलम: महज एक रोटी के चलते इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) की सरकार अल्पमत में आ गई है. सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल सांसद इडित सिलमैन के इस्तीफे (Idit Silman Resigns) के चलते ऐसा हुआ है. दरअसल, सांसद इडित सिलमैन ने अस्पतालों में खानपान संबंधी नियमों को लेकर विवाद के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है. उनके समर्थन वापस लेने के कारण कार्यभार संभालने के एक साल के भीतर ही PM नफ्ताली बेनेट की कुर्सी पर संकट मंडराने लगा है.

  1. इजरायली PM नफ्ताली बेनेट की कुर्सी खतरे में
  2. देश में फिर से कराए जा सकते हैं चुनाव
  3. सरकार के सहयोगियों में चल रहा मनमुटाव

इस वजह से नाराज हैं इडित सिलमैन

माना जा रहा है कि इजरायल में जल्द चुनाव हो सकते हैं. वैसे, प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett Party) की सरकार सत्ता में जरूर बनी हुई है, लेकिन 120 सदस्यों वाली संसद में संख्याबल के मामले में उनकी स्थिति कमजोर हो गई है. बता दें कि धार्मिक राष्ट्रवादी यामिना पार्टी की इडित सिलमैन ने सरकारी अस्पतालों में लोगों को खमीरी रोटी और अन्य खाद्य पदार्थ लाए जाने की अनुमति का विरोध किया है. इजरायल की धार्मिक परंपरा के अनुसार ये खाद्य उत्पाद प्रतिबंधित हैं. कुछ धर्मनिष्ठ यहूदियों के लिए अस्पताल में ऐसे खाद्य पदार्थों की मौजूदगी धार्मिक परंपरा के हिसाब से ठीक नहीं है. इसी को लेकर अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.

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बेनेट सरकार में शामिल हैं 8 पार्टियां 

इजरायल में वर्तमान सत्तारूढ़ गठबंधन में आठ राजनीतिक दल हैं, जिसमें इस्लामवादी से लेकर रूढ़िवादी राष्ट्रवादी और उदारवादी भी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का विरोध करने के लिए ये सभी दल साथ आए थे. इजराइल की संसद नेसेट में अब नफ्ताली बेनेट के गठबंधन के 60 सदस्य होंगे. संसद का सत्र अभी नहीं चल रहा है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव रखने के लिए पर्याप्त समर्थन है? अगर सरकार बहुमत जुटाने में कामयाब नहीं हो जाती तो इजरायल में तीन वर्षों में पांचवीं बार चुनाव होगा.

नेतन्याहू ने की बागी सांसद की तारीफ

सांसद सिलमैन ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह इजरायल और देश के लोगों के यहूदी चरित्र को नुकसान पहुंचाने के लिए सरकार का साथ नहीं दे सकतीं. उन्होंने यह भी कहा कि वह देश में दक्षिणपंथी सरकार बनाने के लिए काम करेगीं. पूर्व PM बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने सिलमैन को बधाई दी और राष्ट्रवादी खेमे में उनकी वापसी का स्वागत किया. गौरतलब है कि भारत दौरे को लेकर भी बेनेट सरकार में मतभेद सामने आए थे.

इनपुट: भाषा

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