जापान में मध्यावधि चुनाव तय, शिंजो आबे के सामने कोइके की मुश्किल चुनौती
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जापान में मध्यावधि चुनाव तय, शिंजो आबे के सामने कोइके की मुश्किल चुनौती

चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कोइके प्रधानमंत्री पर दबाव बनाते हुए दिख रही है. हालांकि एक सप्ताह पहले आबे के पास चुनाव में 30 अंकों से ज्यादा की बढ़त थीं, लेकिन अब यह अंतर कम होता दिखाई दे रहा है.

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ. (Reuters/28 Sep, 2017)

तोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने गुरुवार (28 सितंबर) को आधिकारिक तौर पर संसद भंग कर राष्ट्रीय चुनाव अभियान की शुरुआत की. चुनाव में वह तोक्यो की लोकप्रिय गवर्नर से अप्रत्याशित और मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं. सदन के स्पीकर तादामोरी ओशिमा ने सदन को भंग करने संबंधी बयान पढ़ा. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में 22 अक्तूबर को चुनाव होने की संभावना है. आबे ने कहा, ‘‘आज से एक मुश्किल लड़ाई की शुरुआत. यह चुनाव इस बारे में है कि कैसे लोगों की जान बचाई जाए. हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग करना है क्योंकि हम उत्तर कोरिया से खतरे का सामना कर रहे हैं. हमें अपने बच्चों के भविष्य के लिए लड़ने की जरुरत है.’’

  1. जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
  2. जापान में 22 अक्तूबर को चुनाव होने की संभावना है.
  3. आबे को तोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके की नई पार्टी से चुनौती मिलेगी.

उन्होंने सोमवार (25 सितंबर) को अचानक मध्यावधि चुनाव की बात कहकर सभी को अचंभित कर दिया था. आबे को तोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके की नई पार्टी से बढ़ती चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि यूरिको की ‘‘पार्टी ऑफ होप’’ का गठन हाल ही में हुआ है. चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कोइके प्रधानमंत्री पर दबाव बनाते हुए दिख रही है. हालांकि एक सप्ताह पहले आबे के पास चुनाव में 30 अंकों से ज्यादा की बढ़त थीं, लेकिन अब यह अंतर कम होता दिखाई दे रहा है.

शिंजो आबो का जापान में समय से पहले चुनाव का ऐलान, उत्तर कोरिया से चल रहा है तनाव

इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सोमवार (25 सितंबर) को आम चुनाव समय से पहले कराने की घोषणा की थी. सीएनएन की रपट के अनुसार, "राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आबे ने कहा था कि वह तत्काल जनादेश हासिल करने के लिए गुरुवार को ही संसद के निचले सदन को भंग कर देंगे." आबे ने यह घोषणा सरकार का कार्यकाल पूरा होने के एक वर्ष पहले ही ऐसे समय में की है, जब ओपिनियन पोल में आबे की स्थिति काफी मजबूत बताई गई है. उनके पक्ष में यह स्थिति उत्तर कोरिया मुद्दे पर अबतक की उनकी प्रतिक्रिया से बनी है.

आबे को उम्मीद है कि कमजोर और विभाजित विपक्ष को देखते हुये सत्ता में वापसी के उनके मौके अच्छे हैं क्योंकि घोटालों की श्रृंखला के बाद भी सर्वेक्षणों में उनकी बढ़त दिखाई गयी है. आम चुनावों के लिये संकेत देते हुये आबे ने संवाददाताओं को बताया, ‘मैं 28 को प्रतिनिधिसभा भंग कर दूंगा.’ प्रधानमंत्री ने चुनावों के लिये कोई तारीख नहीं दी, लेकिन खबरों के मुताबिक यह 22 अक्टूबर को होगा. सर्वेक्षणों से संकेत मिले हैं कि मतदाताओं को उत्तर कोरिया के खिलाफ राष्ट्रवादी आबे का रुख पसंद आया है. उत्तर कोरिया ने हाल के दिनों में जापान के ऊपर से दो मिसाइलें दागी थीं और जापान को ‘डुबाने’ की धमकी दी थी.

प्रधानमंत्री ने कहा था, "हम उत्तर कोरिया की धमकी के आगे नहीं झुकेंगे. मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं आगामी चुनाव में बहुमत पाने में सफल रहूंगा और मजबूत कूटनीति की ओर आगे बढ़ेंगे." उल्लेखनीय है कि जापान में 48वें आम चुनाव ऐसे वक्त हो रहे हैं, जब आबे और उनकी पत्नी से संबंधित भ्रष्टाचार के दो मामलों को लेकर उनकी सरकार विवादों में थी, और उनके रक्षामंत्री तोमोमी इनाडा ने एक कथित लीपा-पोती को लेकर इस्तीफा दे दिया है.

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