वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन करीब 50 साल पुरानी एक कहानी को अक्सर याद करते हैं जब वह 1973 में सीनेटर के तौर पर अपनी पहली इजरायल यात्रा पर गये थे और वहां की तत्कालीन प्रधानमंत्री गोल्डा मीर ने बड़े स्नेह के साथ उन्हें गले लगाया था और फिर उन्हें ‘छह दिन के युद्ध’ और इजरायल के सामने उस समय मौजूद खतरों के बारे में था.


साल 1967 में हुआ था 6 दिनों तक भयंकर युद्ध


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इजरायल और उसके पड़ोसी देशों के बीच 1967 में छह दिन तक यह जंग चली थी. इजरायल सरकार के एक गोपनीय पत्र के अनुसार उस समय 30 साल के युवा सीनेटर बाइडन ने इतना उत्साह दिखाया था जिससे उनमें उस समय कूटनीतिक अनुभव की कमी साफ नजर आई. तब उन्होंने इजरायल द्वारा वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में जमीन पर कब्जे को लेकर चिंता जताई थी. इस दस्तावेज को इजरायल के चैनल 13 ने पिछले साल प्रसारित किया था. रिपोर्ट के अनुसार बाइडेन ने राष्ट्रीय राजनीति में अपने करीब 50 साल के कॅरियर में निजी वार्ताओं में इजरायली नेताओं के लिए सख्त से सख्त संदेश दिये वहीं सार्वजनिक रूप से इजरायल के दृढ़ समर्थक के रूप में अपनी छवि को चमकाया.


आज भी दिखी बाइडन के पुराने रुख की झलक


यही बात आज भी लागू होती है जहां बाइडन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से निजी बातचीत के दौरान गाजा में हमास के साथ संघर्ष के बारे में अपने बिल्कुल स्पष्ट संदेश रखे, वहीं सार्वजनिक रूप से उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा. हमास की ओर से इजरायल की ओर रॉकेट दागे जाने और गाजा पर इजराइल के हवाई हमलों के बीच बाइडन ने इजरायल पर संघर्ष विराम के लिए दबाव बढ़ाने की कुछ डेमोक्रेटों तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों की बढ़ती मांगों को तवज्जो नहीं दी है.


बाइडन ने चौथी बार की हिंसा कम करने की अपील


जो बाइडन ने आठ दिन में अपनी चौथी बार बातचीत में बुधवार को नेतन्याहू से कहा कि उन्हें हिंसा कम होने की उम्मीद है जिससे संघर्ष-विराम की ओर बढ़ा जा सकता है. यह जानकारी व्हाइट हाउस ने फोन कॉल का सारांश सार्वजनिक करते हुए दी थी. लेकिन कुछ घंटे बाद ही बाइडेन ने अमेरिका कोस्ट गार्ड एकेडमी में अपने उद्घाटन भाषण में बढ़ती वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की जरूरत पर बात करते हुए गाजा में संघर्ष के बारे में या अपनी कूटनीति के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला.


बाइडन 1982 में गए थे इजरायल के दौरे पर


बाइडन 1982 में अमेरिकी सांसदों के एक समूह का हिस्सा थे जिसकी इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री मेनाकेम बेजिन के साथ तनावपूर्ण बैठक हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन ने बेजिन पर दबाव डाला था कि वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों के निर्माण पर रोक लगाई जाए, वहीं उनके कुछ सहयोगियों ने इजरायल की नीतियों के अन्य पहलुओं की आलोचना की थी.