जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद चीन, अमेरिका समेत विश्व बिरादरी में इस मुद्दे को उठाने के बावजूद पाकिस्तान को कोई समर्थन नहीं मिला.
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नई दिल्ली: तमाम प्रयासों के बावजूद कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को हर स्तर पर हार मिली है. दुनियाभर के सभी दरवाजे पाकिस्तान के लिए बंद हैं. अधिकतर देशों ने कश्मीर मसले को भारत- पाकिस्तान के आतंरिक मामला बताकर खुद का पल्ला झाड़ लिया है. चीन को छोड़कर कोई भी देश पाकिस्तान के साथ खड़ा होता नहीं दिख रहा है. यहां तक कि तमाम मुस्लिम देशों ने इस मसले पर खुद को किनारे कर लिया है. ऐसे में पाकिस्तान के पास सिर्फ एक ही मुस्लिम देश बचता है, जिससे वह अपना रोना रो सकता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कश्मीर मुद्दे पर तीसरी बार फोन पर बात की.
खान ने क्राउन प्रिंस को कश्मीर की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया
एक मीडिया रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, सोमवार रात फोन कॉल के दौरान, खान ने क्राउन प्रिंस को कश्मीर की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया. सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच फोन पर पहली बात 7 अगस्त को हुई थी, जब उन्होंने क्षेत्र में ताजा स्थिति पर चर्चा की थी.
दूसरी फोन कॉल 19 अगस्त को हुई थी, जिस दौरान खान और क्राउन प्रिंस ने कश्मीर संकट सहित कई मुद्दों पर चर्चा की थी. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टो के अनुसार, खान ने सऊदी क्राउन प्रिंस को 'भारत अधिकृत कश्मीर' की स्थिति के बारे में ब्रीफ भी किया.
कश्मीर पर पाकिस्तान ने कबूल की हार
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद चीन, अमेरिका समेत विश्व बिरादरी में इस मुद्दे को उठाने के बावजूद पाकिस्तान को कोई समर्थन नहीं मिला. चीन ने उसको नसीहत दी तो अमेरिका ने भी पल्ला झाड़ लिया. संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने तो कश्मीर मुद्दे पर जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा. भारत की इस बड़ी कामयाबी को स्वीकार करते हुए आखिरकार पाकिस्तान ने हार मान ली है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ये बात स्वीकार करते हुए कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों (P5) के समक्ष यदि वह कश्मीर मुद्दे को उठाता है तो उसको समर्थन मिलना मुश्किल है. कुरैशी ने यहां तक कहा था कि मुस्लिम देशों से भी उनको समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है.
इनपुट आईएएनएस से भी