South Korea पर बरसीं Kim Jong-un की बहन, North Korea के इस दावे पर जताया था संदेह
Advertisement
trendingNow1803190

South Korea पर बरसीं Kim Jong-un की बहन, North Korea के इस दावे पर जताया था संदेह

दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वा ने कहा था कि North Korea के इस दावे पर यकीन करना मुश्किल है कि उसकी धरती पर वायरस का कोई प्रकोप नहीं हुआ है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ में मिलकर महामारी से निपटने के प्रस्ताव की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

किम जोंग-उन और किम यो-जोंग (एएफपी)

प्योंगयांग: उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग-उन (Kim Jong-un) की बहन किम यो-जोंग (Kim Yo-jong) ने बुधवार को दक्षिण कोरिया (South Korea) के विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वा (Kang Kyung-wha) को जमकर फटकार लगाई. दरअसल, विदेश मंत्री ने उत्तर कोरिया के इस दावे पर संदेह जताया था कि देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कोई मामला नहीं आया. 

  1. किम जोंग-उन की बहन ने दक्षिण कोरियाई मंत्री को लगाई फटकार 
  2. विदेश मंत्री ने उत्तर कोरिया के दावे पर जताया था संदेह 
  3. कहा था- भरोसा नहीं है कि उनके यहां कोरोना का कोई प्रकोप नहीं हुआ 

दक्षिण कोरिया (South Korea) के विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वा ने सप्ताहांत में कहा था कि उत्तर कोरिया (North Korea) के इस दावे पर यकीन करना मुश्किल है कि उसकी धरती पर वायरस का कोई प्रकोप नहीं हुआ है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ में मिलकर महामारी से निपटने के प्रस्ताव पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

दक्षिण कोरिया को दी चेतावनी 
उत्तर कोरियाई नेता की बहन ने अपने बयान में कहा, 'उनकी लापरवाही से की गई टिप्पणियों से पता लगता है कि वे नतीजों पर विचार किए बिना उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच जमे हुए संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए बहुत उत्सुक हैं. उनका असली इरादा बहुत स्पष्ट है. हम उनकी बातों को कभी नहीं भूलेंगे और उन्‍हें इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.' 

ये भी पढ़ें: नेपाल के पीएम KP Oli का सभी देशों को संदेश: Gautam Buddha के जन्म स्थान पर गलत जानकारी को सुधारें

उनकी इस टिप्पणी से पता चलता है कि अपनी छवि को धूमिल किए जाने के किसी भी बाहरी प्रयास को लेकर उत्तर कोरिया कितना संवेदनशील है. वह महामारी और उसके कारण हुए आर्थिक पतन की ऐसी किसी भी टिप्‍पणी को अपने खिलाफ मानता है.

संदिग्‍ध लक्षणों वाले निवासियों को आइसोलेट किया 
बता दें कि उत्तर कोरिया ने अपने देश में भले ही कोरोना वायरस का एक भी मामला न होने का दावा किया है, लेकिन बार-बार यहां के स्‍टेट-मीडिया ने महामारी विरोधी अभियान के तहत अधिकतम आपातकाल की बात कही है. देश ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को न केवल बंद कर रखा है, बल्कि राजनयिकों को बाहर निकाल दिया है और उन सभी निवासियों को आइसोलेट कर दिया है, जिनमें संदिग्ध लक्षण नजर आए. 

व्‍यापार के मामले में चीन के बड़े साझेदार उत्तर कोरिया ने स्वीकार किया है कि वह महामारी के कारण कई संकटों का सामना कर रहा है. इसमें पिछली गर्मियों में आई प्राकृतिक आपदाओं और अमेरिकी नेतृत्‍व द्वारा इसके परमाणु कार्यक्रम पर  प्रतिबंध लगाए दिए गए हैं.

विशेषज्ञों ने कहा है कि उत्तर कोरिया में एक बड़ी बीमारी का प्रकोप इसकी नाजुक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के कारण एक बड़ी मानवीय आपदा का कारण बन सकता है. 

बाइडेन का ध्‍यान आकर्षित करने की कोशिश 
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री ने शनिवार को बहरीन में कहा कि महामारी ने 'उत्तर कोरिया को और अधिक उत्तर कोरिया बना दिया है - यानि कि अब यह और  अधिक बंद है. साथ ही निर्णय लेने की बहुत ऊपर से नीचे की प्रक्रिया, जहां COVID-19 से निपटने के उपायों पर बहुत कम बहस हुई है. लेकिन वे अभी भी कहते हैं कि उनके यहां कोई मामला नहीं है, जिस पर विश्वास करना मुश्किल है. इससे मतलब है कि वहां का शासन बहुत तीव्रता से उस बीमारी को नियंत्रित करने में लगा हुआ है, जिसके लिए वे कह रहे हैं कि वह उनके यहां है ही नहीं.' 

कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि उत्तर कोरिया अभी भी बाइडेन का ध्यान आकर्षित करने और रुकी हुई परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करने की कोशिश करने के लिए कुछ उकसाने वाला काम कर सकता है, ताकि वह इसे लेकर कुछ रियायतें पा सके.

Trending news