जितनी कम शरणार्थियों की संख्या उतनी ही हमारे लिए सुविधा: एंजेला मर्केल
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जितनी कम शरणार्थियों की संख्या उतनी ही हमारे लिए सुविधा: एंजेला मर्केल

 शरणार्थियों की सीमा को दो लाख प्रतिवर्ष तक सीमित की जाए.

एंजेला मर्केल : (फाइल फोटो)

बर्लिन: बहुमत से कम वोट पाकर चुनाव जीतने के दो हफ्ते बाद चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि जितनी कम शरणार्थियों की संख्या होगी उतना ही हमारे लिए सुविधा होगी. यह कदम उन्होंने नई सरकार के गठन के लिए होने वाली गठबंधन की वार्ता से पहले अपने कंजर्वेटिव गुट को एकजुट करने की खातिर उठाया है. मर्केल के दल ने होर्स्ट सीहोफर के नेतृत्व में सहयोगी दल बवेरिया के क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) के साथ बातचीत की. इस दौरान सीहोफर ने मर्केल के उस फैसले पर रोष जताया जिसमें उन्होंने वर्ष 2015 से अब तक 10 लाख से अधिक शरणार्थियों को जर्मनी में आने की स्वीकृति दी. उन्होंने कहा कि अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) जैसी धुर दक्षिणपंथी पार्टी के उभार की यह एक प्रमुख वजह है. 

  1. 2015 से अब तक 10 लाख से अधिक शरणार्थियों को जर्मनी में आने की स्वीकृति दी
  2. सीहोफर लंबे समय से यह मांग कर रहे थे जिसे मर्केल लगातार खारिज कर रही थीं.
  3.  एंजेला 2005 में देश की पहली महिला चांसलर बनीं

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एक दस्तावेज के मुताबिक बंद दरवाजों के पीछे 10 घंटे तक चली बातचीत के बाद सीएसयू और मर्केल की पार्टी सीडीयू इस बात पर सहमत हुए कि यहां आने वाले शरणार्थियों की सीमा को दो लाख प्रतिवर्ष तक सीमित की जाए. सीहोफर लंबे समय से यह मांग कर रहे थे जिसे मर्केल लगातार खारिज कर रही थीं. इस बैठक का लक्ष्य कंजर्वेटिव सिस्टर पार्टियों के बीच मतभेदों को सुलझाकर उन्हें फिर से एकजुट करना है ताकि दो छोटी पार्टियों फ्री डेमोक्रेट्स और इकोलॉजिस्ट ग्रीन्स के साथ होने वाली गठबंधन संबंधी आगामी वार्ता में वह एकजुट मोर्चे के तौर पर सामने आएं. 

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एंजेला के करिश्माई व्यक्तित्व के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रोफेसर हर्ष पंत कहते हैं, "एंजेला मर्केल की गिनती उन गिने-चुने नेताओं में की जाती है, जिनके बिना कोई भी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अधूरा माना जाता है. वह हर चीज पर कड़ा होमवर्क करती हैं. उनका हर मुद्दे पर अपना रुख है, जिस पर वह अडिग रहती हैं." एंजेला को राजनीतिक गुर विरासत में मिले हैं. उनकी मां सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य थीं, जो महिलाओं के मुद्दे पर काफी मुखर थीं. यही गुर एंजेला में भी हैं. वह महिलाओं की समस्याओं को कभी नजरअंदाज नहीं करतीं और महिला वर्ग में उनकी अच्छी पैठ होने का यही कारण है.

एंजेला साल 2000 से क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) पार्टी से जुड़ी थीं और 2005 में देश की पहली महिला चांसलर बनीं. उन्होंने ने साल 2013 में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी पर फोन टैप करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी. वह यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने यूरोपीय सम्मेलन में अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा था, "दोस्तों में जासूसी कभी स्वीकार नहीं की जाती." एंजेला की सीडीयू और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) पार्टी के गठबंधन को लगभग 34 फीसदी वोट मिले हैं. हालांकि, एंजेला की पार्टी का जनाधार पिछले चुनाव की तुलना में घटा है.

(इनपुट एएफपी से भी) 

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