Fugitive gangster Jayesh Ranpariya: इस भगोड़े गैंगस्टर जयेश को मार्च 2021 में लंदन के क्रॉयडन से इंटरपोल ने हिरासत में लिया था. वहीं भारत में प्रत्यर्पित किए जाने की सहमति से इनकार करने के बाद, वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने उसे वैंड्सवर्थ जेल भेज दिया था.
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Fugitive gangster Jayesh Patel extradition: लंदन की एक अदालत ने गुरुवार को जामनगर के भगोड़े गैंगस्टर जयेश रणपरिया उर्फ जयेश पटेल (Jayesh Patel) को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दे दिया है. यानी ब्रिटेन की इस कोर्ट ने हत्या से जुड़े चार षड्यंत्रों में भारत में वांछित जयसुख रणपरिया के प्रत्यर्पण को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी है. अदालत ने फैसले पर हस्ताक्षर करने के लिए मामले को गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के पास भेज दिया है. जिला न्यायाधीश सारा-जेन ग्रिफिथ्स ने लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में फैसला सुनाया. मामले में पिछले साल दिसंबर में सुनवाई पूरी हुई थी. न्यायाधीश ने कहा कि प्रत्यर्पण अनुरोध में प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.
लंदन कोर्ट के फैसले पर गुजरात एटीएस की नजर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लंदन की कोर्ट से ये फैसला आने के बाद गुजरात के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) दीपन भद्रन ने कहा, 'जयेश रणपरिया को भारत ले जाने के पर्याप्त आधार थे. रणपरिया का भारत लौटना हमारे लिए एक महत्वपूर्ण जीत है. ये पहली ऐसी घटना है जब गुजरात में वांटेड किसी अपराधी के प्रत्यर्पण के लिए यूके की अदालत से अनुकूल फैसला आया है.' गौरतलब है कि गुजरात के जामनगर जिले में रणपरिया के खिलाफ कुछ मामले तब दर्ज किए गए थे जब कुछ साल पहले भद्रन की तैनाती जामनगर जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई थी.
भारत में दर्जनों मामलों में वांटेड है जयेश
भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध के अनुसार, रणपरिया, जिसे जयेश पटेल के नाम से भी जाना जाता है, चार हत्याकांड की साजिशों के लिए वांछित है और यह सभी हत्याएं गुजरात के जामनगर में भूखंडों की बिक्री से जुड़े व्यक्तियों से धन या संपत्ति उगाही के प्रयास से जुड़ी हैं. उसने जमानत की अर्जी नहीं दी थी इसलिए आरोपी साउथ-ईस्ट लंदन की बेलमार्श जेल में काफी समय से बंद था. वहीं लंदन सिटी की मेट्रोपोलिटन पुलिस के मुताबिक जयेश 16 मार्च को दक्षिणी लंदन से गिरफ्तार हुया था. उसके खिलाफ उसी दिन भारतीय अधिकारियों की ओर से अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी किया गया था. इसके कुछ दिन बाद अप्रैल 2018 में हुई हत्या के एक मामले में भारतीय अधिकारियों ने उसके अस्थायी प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन से गुजारिश की थी. इसी के साथ इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. कहावत है कि आरोपी चाहे कितना शातिर हो उसे उसके गुनाहों की सजा एक दिन जरूर भुगतनी पड़ती है, और ये बात एक बार फिर सच साबित हुई है.
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