France Prime Minister: फ्रांस को नया प्रधानमंत्री मिल गया है. राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने बायरू को देश का नया प्रधानमंत्री नामित किया है. रिपोर्ट के मुताबिक वह 2025 का बजट भी बनाएंगे जिसे नेशनल असेंबली के ज़रिए अपनाया जाएगा. बायरू मैक्रों के मध्यमार्गी सहयोगी है. वह मिशेल बार्नियर की जगह लेंगे
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France Prime Minister: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस्वा बायरू को देश का नया प्रधानमंत्री नामित किया है. मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि बायरू को अब सरकार बनाने का काम सौंपा गया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक वह 2025 का बजट भी बनाएंगे जिसे नेशनल असेंबली के ज़रिए अपनाया जाएगा. बायरू मैक्रों के मध्यमार्गी सहयोगी है. वह मिशेल बार्नियर की जगह लेंगे, जिन्हें 4 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया गया था.
1952 में जन्मे बायरू ने 2007 में मध्यमार्गी पार्टी डेमोक्रेटिक मूवमेंट (मोडेम) की स्थापना की थी. वे 2002, 2007 और 2012 में तीन बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ चुके हैं. शुक्रवार को बायरू के नाम के ऐलान के बाद, दक्षिणपंथी पार्टी, नेशनल रैली (आरएन) के अध्यक्ष जॉर्डन बार्डेला ने फ्रांसीसी समाचार चैनल बीएफएमटीवी से कहा कि उनकी पार्टी बायरू की तुरंत आलोचना नहीं करेंगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बायरू को 'यह समझना चाहिए कि उनके पास न तो लोकतांत्रिक वैधता है और न ही नेशनल असेंबली में बहुमत है, इसलिए उन्हें संसद में प्रतिनिधित्व करने वाली सभी ताकतों के साथ बातचीत करने की जरुरत है.
इस बीच कट्टर वामपंथी पार्टी ला फ्रांस इनसोमिस (एलएफआई) ने ऐलान किया है कि वह बायरू को गिराने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. एलएफआई ने बार-बार कहा है कि प्रधानमंत्री का पद वामपंथी दलों के गठबंधन में से किसी को दिया जाना चाहिए, जिसने इस साल हुए विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं.
बायरू ने शुक्रवार दोपहर मीडिया से बात करते हुए सुलह की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा,'हर कोई इस कार्य की कठिनाई को समझता है. ऐसा रास्ता खोजना होगा जो लोगों को बांटने के बजाय उन्हें एकजुट करे.'
मिशेल बार्नियर ने एक्स पर एक पोस्ट में अपने उत्तराधिकारी को बधाई देते हुए कहा,'फ्रांस और यूरोप के लिए इस गंभीर समय में सरकार के प्रमुख के तौर पर उन्हें मेरी सभी व्यक्तिगत और मैत्रीपूर्ण शुभकामनाएं.'
4 दिसंबर को फ्रेंच नेशनल असेंबली ने बार्नियर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग हुई. जिसके बाद सरकार गिर गई और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना. बार्नियर की सरकार 1962 के बाद से अविश्वास मत की वजह से गिरने वाली पहली सरकार बन गई
(इनपुट- आईएएनएस)