मालदीव: सत्ता बदलते ही नशीद को मिली राहत, अब नहीं छोड़ना पड़ेगा देश
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मालदीव: सत्ता बदलते ही नशीद को मिली राहत, अब नहीं छोड़ना पड़ेगा देश

मालदीव की शीर्ष अदालत ने आतंकवाद के एक मामले में देश में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहले नेता मोहम्मद नशीद की दोषसिद्धि को निरस्त कर दिया.

 उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नशीद को 2015 में हुई सुनवाई में गलत तरीके से आरोपित किया गया.(फाइल फोटो)

कोलंबो: मालदीव की शीर्ष अदालत ने आतंकवाद के एक मामले में देश में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहले नेता मोहम्मद नशीद की दोषसिद्धि को निरस्त कर दिया. इस मामले में 13 साल की जेल की सजा होने के बाद नशीद देश छोड़कर चले गये थे. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नशीद को 2015 में हुई सुनवाई में गलत तरीके से आरोपित किया गया और उन्हें दोषी नहीं ठहराना चाहिए था. संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. नशीद इलाज के नाम पर देश से चले गये थे और उन्हें अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था.

उनके वकील हिसान हुसैन ने दोषसिद्धि निरस्त किये जाने के बाद कहा, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति नशीद के खिलाफ पूरी सुनवाई राजनीतिक रूप से प्रेरित थी.’’ उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि एक निर्दोष व्यक्ति को एक साल जेल में और 35 महीने निर्वासन में गुजारने पड़े और उन्हें राजनीतिक पद से रोका गया.

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पांच साल मालदीव की सत्ता संभालने वाले उनके राजनीतिक विरोधी अब्दुल्ला यामीन के राष्ट्रपति चुनाव में हार का सामना करने के बाद नशीद इस महीने मालदीव लौट पाए. नशीद 2008 में पहले लोकतांत्रिक चुनाव में मालदीव के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे.

इनपुट भाषा से भी 

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