2018 में दोगुने हो गए खसरा के मामले : WHO
2017 में करीब 1,10,000 लोगों की बेहद संक्रामक लेकिन आसानी से रोके जा सकने वाले संक्रमणों के कारण मौत हुई थी.
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संयुक्त राष्ट्रः विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि 2018 में खसरा के कुल 2,29,068 मामले दर्ज किए गए हैं जो 2017 में हुए संक्रमणों के लगभग दोगुने हैं. डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों से टीकाकरण में हो रही चूक को सुधारने की अपील की है. इस अपील से पहले संगठन ने बताया था कि 2017 में करीब 1,10,000 लोगों की बेहद संक्रामक लेकिन आसानी से रोके जा सकने वाले संक्रमणों के कारण मौत हुई थी.
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डब्ल्यूएचओ में इम्युनाइजेशन, वैक्सीन्स एंड बायोलॉजिकल्स की निदेशक कैथरीन ओब्रायन ने कहा, “खसरा खत्म नहीं हो रहा है..यह हर किसी की जिम्मेदारी है. एक व्यक्ति के संक्रमित होने से नौ से 10 लोगों में विषाणु फैलने का खतरा बढ़ जाता है.” खसरा मौत का कारण भी बन सकता है और इसके लक्षणों में शरीर पर चकत्ते पड़ना , अंधापन एवं दिमाग में सूजन आना शामिल हैं. यह विषाणु छींकने या खांसने से आसानी से फैल सकता है और पानी की एक बूंद में कई घंटों तक जीवित भी रह सकता है.
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ओब्रायन ने कहा कि खसरा भौगोलिक या राजनीतिक सीमाओं में नहीं बंधा हुआ है. हालांकि 2000 के बाद से खसरे से होने वाली मौतों में 80 फीसदी तक कमी आई है जिससे संभवत: दो करोड़ 10 लाख लोगों की जान बची है. ओब्रायन ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि खसरे के प्रकोप को रोकने एवं उसके उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ खसरे के टीके की दो डोज देकर उच्च टीकाकरण कार्यक्रम पर अडिग रहने की देशों से अपील करता है.