विदेश मंत्री के तौर पर सीनेट में पोम्पिओ के नामांकन का विरोध; भारतीयों, मुस्लिमों के खिलाफ दिया था बयान
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विदेश मंत्री के तौर पर सीनेट में पोम्पिओ के नामांकन का विरोध; भारतीयों, मुस्लिमों के खिलाफ दिया था बयान

अन्य शीर्ष डेमोक्रेट सीनेटर रॉबर्ट मेनेनदेज ने कहा, ‘‘वह (माइक पोम्पिओ) पगड़ी पहनने वाले अलग-अलग धर्मों के असंख्य लोगों के बारे में इस तरह के बयान को कैसे स्पष्ट करेंगे.'

सीआईए निदेशक माइक पोम्पिओ. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: भारतीयों, मुसलमानों और अन्य जातीय समूहों के खिलाफ सीआईए निदेशक की टिप्पणियों को लेकर सीनेट में डेमोक्रेट्स ने अमेरिका के नए विदेश मंत्री के रूप में माइक पोम्पिओ का कड़ा विरोध किया है. सीनेट में पोम्पिओ के नामांकन पर चल रही बहस के दौरान सदन की विदेश मामलों की समिति के शीर्ष सदस्य रॉबर्ट मेनेनदेज ने कहा, ‘‘ये चिंताएं नीतिगत मतभेदों से इतर हैं, लेकिन केवल यह नामांकन को खारिज किए जाने का आधार नहीं है.’’

  1. सीनेट में डेमोक्रेट्स ने किया माइक पोम्पिओ का कड़ा विरोध.
  2. नए विदेश मंत्री के तौर पर होनी है पोम्पिओ की नियुक्ति.
  3. सीनेट में अल्पसंख्यक नेता चार्ल्स शूमर ने उठाए सवाल.

सीनेट में अल्पसंख्यक नेता चार्ल्स शूमर ने कहा कि उन्होंने पोम्पिओ से पूछा कि अगर वह मुसलमानों और भारतीय अमेरिकियों,  एलजीबीटीक्यू अमेरिकियों और महिला अधिकारों के बारे में कही गई बात अस्वीकार करेंगे तो वह अमेरिका के विदेश मंत्री बनने के लिए तैयार हैं और उन्हें उनकी टिप्पणियों से प्रभावित होने वाले देशों से निपटना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘एक बार फिर उन्होंने इससे इनकार किया. इसलिए स्पष्ट सच्चाई के साथ मैं श्रीमान पोम्पिओ के नामांकन के  खिलाफ मतदान करुंगा. मेरा अब भी मानना है कि राष्ट्रपति को उनकी टीम मिलनी चाहिए और केवल नीति पर असहमतियां किसी नामांकन को खारिज करने की पर्याप्त वजह नहीं है.’’

अन्य शीर्ष डेमोक्रेट सीनेटर रॉबर्ट मेनेनदेज ने भी इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘वह पगड़ी पहनने वाले अलग-अलग धर्मों के असंख्य लोगों के बारे में इस तरह के बयान को कैसे स्पष्ट करेंगे. चाहे ये लोग अहम सहयोगी देश भारत में लाखों सिख, पंजाबी या मुसलमान हों या अफ्रीका के रूढ़िवादी ईसाई या अफगानिस्तान में जनजातीय नेता जिनके साथ हम लोकतंत्र और मानव अधिकारों के मूल्यों पर आधारित रचनात्मक संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’’

मेनेनदेज ने कहा, ‘‘उनके आरोपों का क्या असर पड़ेगा कि अमेरिका में मुसलमान नेता कहीं ना कहीं विध्वंसकारी आतंकवादी हमलों में ‘‘शामिल’’ होते हैं क्योंकि उन्हें दुनिया भर के मुसलमान नेताओं और नागरिकों से बातचीत करनी पड़ेगी.’’ उन्होंने कहा कि दुनिया में करीब दो अरब लोग इस्लाम में विश्वास रखते हैं इनमें से कई उन देशों के लोग हैं जिनके साथ अमेरिका के संबंध महत्वपूर्ण है.

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