चुनाव के बाद नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के शपथ लेने के साथ ही केयर टेकर पीएम और उनकी कैबिनेट का काम खत्म हो जाएगा
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इस्लामाबाद: पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार 'डॉन' के शनिवार के अंक में पहले पन्ने पर प्रकाशित एक खबर में बताया गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान खान द्वारा स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) के खास मौके पर देश के 21वें निर्वाचित प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने की संभावना है. यह बात किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के केयर टेकर कानून मंत्री अली जफर ने शुक्रवार को डॉन से कही है. खबर के मुताबिक उन्होंने कहा, "यह मेरा और केयर टेकर प्रधानमंत्री सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति नसीरुल मुल्क की इच्छा है कि नए प्रधानमंत्री की शपथ 14 अगस्त को होनी चाहिए." गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम 11 अगस्त को है.
11 या 12 अगस्त को बुलाया जा सकता है पहला सत्र
नेशनल असेंबली गठन के कार्यक्रम का खुलासा करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) पहले से ही तैयारी में लगा हुआ है क्योंकि ईसीपी वांछित तारीख पर प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए आवश्यक व्यवस्था करने में लगी है. जफर ने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि असेंबली का नया सत्र 11 या 12 अगस्त को बुलाया जा सकता है. यदि यह 11 अगस्त को आयोजित होता है, तो प्रधानमंत्री का चुनाव 14 अगस्त को हो सकता है और उसी दिन राष्ट्रपति ममून हुसैन नए प्रधानमंत्री को शपथ दिला सकते हैं.
इस वजह से बदली जा सकती है शपथ ग्रहण की डेट
उन्होंने विस्तार से बताया कि अगर नेशनल असेंबली का सत्र 11 अगस्त को आयोजित किया जाता है तो उसी दिन नए सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी. उन्होंने कहा कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनावों के लिए मतपत्रों की प्रिंटिंग के बाद, उनके चुनाव 13 अगस्त को हो सकते हैं और उसके अगले दिन प्रधानमंत्री का चुनाव हो सकता है. हालांकि, अगर 12 अगस्त को एनए का सत्र बुलाया गया, तो प्रधान मंत्री का चुनाव 15 अगस्त को होगा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि नए प्रधानमंत्री को स्वतंत्रता दिवस पर अपनी शपथ लेनी चाहिए ताकि नई सरकार देश में प्रगति लाने के लिए राष्ट्रीय उत्साह और वचनबद्धता के साथ पूरी तरह से काम करना शुरू कर दे.
आम चुनाव के 21 दिनों के भीतर बुलाया जाना होता है पहला सत्र
खबर में आगे बताया गया है कि पाकिस्तान के केयर टेकर कानून मंत्री ने मीडिया को बताया कि संविधान के अनुसार नेशनल असेंबली के पहले सत्र को आम चुनाव के 21 दिनों के भीतर बुलाया जाना होता है. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक इस दायित्व को पूरा करना जरूरी है. गौरतलब है कि चुनाव के बाद नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के शपथ लेने के साथ ही केयर टेकर पीएम और उनकी कैबिनेट का काम खत्म हो जाएगा और सत्ता नई सरकार को स्थानांतरित कर दी जाएगी.