Story of Mecca-Madina: हैरान करनेवाली बात ये है कि एक और मुस्लिम देश से मक्का-मदीना पर खतरे की आशंका देखते हुए मिसाइल सिस्टम को तैनात किया गया है. ये कौन सा मुस्लिम देश है जो मक्का पर हमला करना चाहता है.
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Mecca Attack Alert: करीब 72 घंटे पहले सऊदी अरब के मक्का में हज की शुरुआत हुई है और इस बीच सऊदी अरब की सरकार ने अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मक्का और मदीना की सुरक्षा के लिये तैनात किया है. ये सिस्टम किसी भी मिसाइल, ड्रोन या फाइटर जेट की मदद से होने वाले हवाई हमले को रोक सकता है.
मुस्लिम देश से अटैक की आशंका!
हैरान करनेवाली बात ये है कि एक और मुस्लिम देश से मक्का-मदीना पर खतरे की आशंका देखते हुए मिसाइल सिस्टम को तैनात किया गया है. ये कौन सा मुस्लिम देश है जो मक्का पर हमला करना चाहता है. इसके बारे में भी आज आपको जानना चाहिए. लेकिन पहले सऊदी अरब के मक्का वाले डिफेंस सिस्टम को जान लीजिए.
#DNAWithRahulSinha : क्या मक्का पर 'मिसाइल अटैक' होने वाला है ? मक्का को बचाएगा अमेरिका का 'आयरन डोम'?
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— Zee News (@ZeeNews) June 7, 2025
सऊदी अरब ने जारी की तस्वीरें
सऊदी अरब की डिफेंस मिनिस्ट्री की तरफ से कुछ तस्वीरें जारी की गई हैं, जिसमें अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिख रहा है और इससे कुछ ही दूरी पर मस्जिद-अल-हरम यानी मक्का की पवित्र मस्जिद दिख रही है. मिसाइल सिस्टम के साथ अल-हरम मस्जिद के सामने की मशहूर इमारत सऊदी क्लॉक टावर भी दिखाई दे रही है.
यही वो जगह है जहां पर इस्लाम की सबसे पवित्र इमारत काबा मौजूद है. और इसके पास ही मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैनात किया गया है. सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने इन तस्वीरों के साथ अरबी भाषा में एक कैप्शन लिखा है..जिसमें कहा गया है - एयर डिफेंस फोर्स-एक आंख जो कभी नहीं सोती.
16 लाख मुस्लिम करेंगे हज
सऊदी अरब में इस साल 16 लाख से ज्यादा मुसलमान हज करने के लिये आएंगे. और उनकी पहरेदारी के लिये ये एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम तैनात रहेगा. सऊदी अरब ने ये पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका से खरीदा है और इसका इस्तेमाल हूती विद्रोहियों की तरफ से होने वाले मिसाइल हमलों को रोकने के लिये किया जा चुका है.
आप सोचिये सऊदी अरब की सीमा पर मौजूद यमन भी एक मुस्लिम देश है और सऊदी अरब की सरकार को यमन के मुस्लिमों से पवित्र हज यात्रा पर खतरा दिख रहा है. दावा है कि पहली बार सऊदी सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मक्का में तैनात करने की बात कबूल की है. सबसे पहले आपको इस सिस्टम की खासियतें बताते हैं.
पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे अमेरिका की एक कंपनी ने डेवलप किया है.
ये सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों, ड्रोन सहित लड़ाकू विमान के खतरे की पहचान करके उसे बर्बाद कर सकता है.
पैट्रियट मिसाइल सिस्टम करीब 100 लक्ष्यों पर एकसाथ नजर रख सकता है और 160 किलोमीटर की दूरी तक हमला करके किसी टारगेट को नष्ट करने की क्षमता रखता है.
ऐसे एक सिस्टम की कीमत करीब 8 हजार 500 करोड़ रुपये है और इसकी एक मिसाइल की कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है.
अमेरिका का दावा है कि दुनिया के 19 देश इसका इस्तेमाल करते हैं जिसमें खुद अमेरिका, इजरायल और यूरोप के कई देश शामिल हैं.
पैट्रियट मिसाइल पर सुरक्षा की जिम्मेदारी
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि सऊदी में इस साल करीब 16 लाख मुस्लिम हज के लिए आएंगे. इसके अलावा मक्का की जनसंख्या करीब 22 लाख है. हज के दौरान कई बार इस शहर की आबादी दोगुनी से भी ज्यादा हो जाती है. और इन सभी लोगों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी पैट्रियट मिसाइल सिस्टम पर होगी.
सऊदी अरब के अधिकारियों ने दावा किया है कि उनके लिये हज करने आये तीर्थयात्रियों को सुरक्षा देना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. और उन्होंने इसे पक्का करने के लिये हर तरह के फैसले लिये हैं. अब ये समझिये कि सऊदी अरब की सरकार इस एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात करने का फैसला लेने के लिये मजबूर क्यों हुई.
सऊदी अरब के नेतृत्व में यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ पिछले 9 सालों से जंग चल रही है. हूती विद्रोहियों के खिलाफ फौजी कार्रवाइयां शुरू होने के बाद से कई बार सऊदी अरब के शहरों को मिसाइल से निशाना बनाने के दावे किए गए हैं.
2021-22 में नष्ट किए थे कई ड्रोन
फरवरी 2022 और मार्च 2021 में सऊदी के एयर डिफेंस सिस्टम ने कई ड्रोन और मिसाइल हमलों को मक्का के पास नष्ट करने का दावा किया था. माना जा रहा है कि उस समय पैट्रियट की मदद से ये हमले फेल किये गये थे.
अक्टूबर 2016 में सऊदी अरब ने मक्का में एक बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही बर्बाद कर दिया. हालांकि तब हूती विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने पवित्र मक्का शहर को नहीं बल्कि जेद्दा के एयरपोर्ट को टारगेट किया था.
सऊदी अरब और हूती विद्रोहियों की इस जंग के केंद्र में शिया और सुन्नी विवाद भी मौजूद है. सऊदी अरब इस्लाम के सुन्नी संप्रदाय को मानता है. जबकि यमन के हूती विद्रोही शिया हैं और इन्हें जंग लड़ने के लिये ईरान से मदद मिलती है.
हालांकि सुन्नी और शिया दोनों के लिये ही मक्का और मदीना इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल हैं. इसलिए यहां पर किसी भी तरह का मिलिट्री एक्शन या तैनाती की खबर को दुनिया भर के मुस्लिम बहुल देशों में गौर से देखा जाता है.
दुनिया में 2 अरब से ज्यादा मुसलमान
दुनिया भर में 2 अरब से ज्यादा मुसलमान और 50 से ज्यादा मुस्लिम देश हैं. यहां तक कि भारत में भी 20 करोड़ मुसलमान हैं और इन सभी मुस्लिमों के लिये मक्का सबसे पवित्र स्थल है. इसलिये दुनिया भर के करोड़ों-अरबों मुसलमानों से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर खुद सऊदी अरब की सरकार भी बहुत सावधानी के साथ फैसले ले रही है.
फिलहाल मिडिल ईस्ट में सोशल मीडिया पर अमेरिका के पैट्रियट मिसाइल सिस्टम को लेकर एक बहस शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर दावे किये जा रहे हैं कि अगर सऊदी अरब खुद का मिसाइल डिफेंस सिस्टम नहीं बनाता है तो उसे अमेरिका के हथियारों के बदले तुर्की से हथियार खरीदना चाहिए. यानी इस मामले को एक ईसाई बहुल देश में बने हथियार वर्सेस मुस्लिम देश में बने हथियारों से जोड़ा जा रहा है. और इस बात की वकालत की जा रही है कि मक्का में वही हथियार तैनात हों जो किसी मुस्लिम देश में बनाये गये हों.