India US Relations: अमेरिका इस साल भारतीयों को दस लाख से अधिक वीजा जारी करने की राह पर है. बाइडेन प्रशासन इस गर्मी में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि वह उन भारतीयों के सभी स्टूडेंट वीजा को प्रोसेस करे जिनके स्कूल इस पतझड़ से शुरू हो रहे हैं.


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दक्षिण और मध्य एशिया के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने इस हफ्ते कहा कि वे  H-1B और एल वीजाको भी प्राथमिकता दे रहे हैं , जो भारत के आईटी पेशेवरों द्वारा सबसे अधिक मांग वाले हैं.


बेहद अहम है H-1B वीजा
H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष व्यवसायों में नौकरी देने की अनुमति देता है जिनमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. टेक्नोलॉजी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर करती हैं.


लू ने कहा, ‘हम इस साल दस लाख से अधिक वीजा जारी करने के रास्ते पर हैं. यह हमारे लिए रिकॉर्ड संख्या के साथ-साथ छात्र वीजा और आप्रवासी वीजा की भी रिकॉर्ड संख्या है.‘  लू ने कहा कि अमेरिका इन गर्मियों में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि वह उन भारतीयों के लिए सभी छात्र वीजा की प्रक्रिया करे जिनके स्कूल इस पतझड़ से शुरू हो रहे हैं.


वीजा आवेदकों के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि को लेकर चिंता
भारत में पहली बार वीजा आवेदकों के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, खासकर बी1 (बिजनेस) और बी2 (पर्यटक) श्रेणियों के तहत आवेदन करने वालों के लिए. संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के मामले में भारत अब दुनिया में दूसरे नंबर पर है.


लू ने कहा, ‘हम वर्क वीजा को भी प्राथमिकता दे रहे हैं: H-1B और L वीजा. भारत में हमारे कुछ कांसुलर सेक्शन में इन वीजा के लिए प्रतिक्षा समय अब 60 दिनों से कम हैं. हम यह सुनिश्चित करना जारी रखेंगे कि हम श्रमिकों के लिए वीजा को प्राथमिकता दें, क्योंकि यह अमेरिकी और भारतीय अर्थव्यवस्था दोनों के लिए महत्वपूर्ण है.’


(इनपुट - एजेंसी)


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