Nepal में विश्वासमत से पहले सरगर्मी हुई तेज, पूर्व पीएम KP Sharma Oli के सांसदों ने लिया ये फैसला
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Nepal में विश्वासमत से पहले सरगर्मी हुई तेज, पूर्व पीएम KP Sharma Oli के सांसदों ने लिया ये फैसला

नेपाल (Nepal) में नए पीएम के विश्वासमत से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. केपी शर्मा ओली ने भी विश्वासमत के दौरान अपनी पार्टी का स्टैंड तय कर लिया है.

नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली और नवनियुक्त पीएम शेर बहादुर देउबा (फाइल फोटो)

काठमांडू: नेपाल (Nepal) में नए पीएम के विश्वासमत से पहले सीपीएन-यूएमएल में विभाजन तेज हो गया है. पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल धड़े ने नए पीएम शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba) के खिलाफ वोट देने का फैसला किया है. 

  1. ओली की अध्यक्षता में हुई बैठक
  2. SC ने दिया था देउबा को पीएम बनाने का आदेश 
  3. संसद में फिलहाल 271 सांसद

काठमांडू में शुक्रवार को हुई पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. पार्टी ने बयान जारी करके कहा कि वह विश्वासमत के दौरान देउबा के खिलाफ वोट करेगी और संसद में विपक्ष में बैठेगी. 

ओली की अध्यक्षता में हुई बैठक

ओली (KP Sharma Oli) की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्टी के अंदरूनी विवादों को सुलझाने के लिए पार्टी के कार्यबल की तरफ से सुझाए गए दस सूत्री प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई. इस बैठक का पार्टी के असंतुष्ट नेता माधव कुमार नेपाल (Madhav Kumar Nepal) और उनके करीबी नेताओं ने बहिष्कार किया.

माना जा रहा है कि यूएमएल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के असंतुष्ट नेता विश्वास मत के दौरान देउबा के पक्ष में वोट कर सकते हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री देउबा की कुर्सी के लिए यूएमएल का समर्थन पाना महत्वपूर्ण रहेगा. माधव कुमार नेपाल के साथ यूएमएल के 23 सांसद हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के समक्ष देउबा का समर्थन किया था.

SC ने दिया था देउबा को पीएम बनाने का आदेश 

बताते चलें कि प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली नेपाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पांच महीने के अंदर दूसरी बार प्रतिनिधि सभा को बहाल किया है. कोर्ट ने विपक्ष के नेता और नेपाली कांग्रेस के प्रमुख 75 वर्षीय देउबा (Sher Bahadur Deuba) को प्रधानमंत्री नियुक्त करने और 18 जुलाई को प्रतिनिधि सभा का नया सत्र बुलाने का भी आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देउबा (Sher Bahadur Deuba) ने 13 जुलाई को चार नए मंत्रियों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. प्रधानमंत्री नियुक्त होने के 30 दिनों के अंदर देउबा को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करना होगा. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक उन्हें 12 अगस्त तक यह विश्वास मत हासिल करना होगा.

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संसद में फिलहाल 271 सांसद

जानकारी के मुताबिक 275 सदस्यीय निचले में फिलहाल 4 सीटें खाली चल रही हैं. ऐसे में सदन में बहुमत साबित करने के लिए देउबा को केवल 136 वोटों की जरूरत होगी. सदन में देउबा (Sher Bahadur Deuba) की पार्टी के पास 61 सीट हैं. अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए देउबा ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत शुरू कर दी है. सीपीएन-यूएमएल के असंतुष्ट नेता माधव कुमार नेपाल से समर्थन मांगने के लिए देउबा बुधवार को कोटेश्वर स्थित उनके आवास पर गए थे.

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