क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव (Kremlin Spokesperson Dmitry Peskov) ने पैगंबर के कार्टून छापने का विरोध जताया है. पेस्कोव ने कहा, रूस में इस्लाम पर बनाए जाने वाले इस तरह के कार्टून नहीं छापे जा सकते.
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नई दिल्लीः फ्रांस में पैगंबर पर बनाए गए कार्टून को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शार्ली हेब्दो के कार्टून लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है. वहीं दुनिया के कई अन्य देशों में भी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है. कई देशों के नेता खुलेआम फ्रांस को धमकी दे चुके हैं. फ्रांस के खिलाफ हर दिन कोई ना कोई नया देश आवाज उठा रहा है. हैरानी की बात ये कि अब रूस भी इस विवाद में कूद पड़ा है. यानी मुस्लिम देशों को अब रूस का समर्थन मिला है. फ्रांस में शार्ली हेब्दो के बनाए कार्टूनों पर चल रहे विवाद के बीच रूस के सर्वोच्च नेता का बयान काफी अहम माना जा रहा है.
रूस में ऐसे प्रकाशन पर पाबंदी
रूस से क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव (Kremlin Spokesperson Dmitry Peskov) ने बयान में कार्टून के छापे जाने का विरोध जताया है. पेस्कोव ने कहा, रूस में इस्लाम पर बनाए जाने वाले इस तरह के कार्टून नहीं छापे जा सकते. दिमित्री पेस्कोव ने यह बयान एक Kommersant एफएम रेडियो स्टेशन से बातचीत के दौरान बयां किया.
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शिक्षक सैमुएल पैटी को लेकर प्रतिक्रिया
रूसी नेता ने फ्रांसीसी शिक्षक सैमुएल पैटी (French teacher Samuel) के द्वारा स्कूल में दिखाए हुए कार्टून को 'भयानक त्रासदी' बताया. अपने बयान में उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि रूस में शार्ली हेब्दो जैसे कार्टून का प्रकाशन संभव नहीं था.
उन्होंने कहा, इस्लाम में भी तमाम शिक्षकों ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के चित्र को बनाने से मना किया है. गौरतलब है कि साल 2015 में पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून छापे जाने को लेकर सैड और चेरिफ कोची नाम के भाइयों ने शार्ली हेब्दो के दफ्तर में घुसकर फायरिंग की थी. हादसे में मैग्जीन के एडिटर सहित चार कार्टूनिस्टों, दो स्तंभकारों, एक कॉपी एडिटर, एक केयरटेकर की हत्या कर दी थी. हमले में एडिटर के अंगरक्षक और एक पुलिस अधिकारी भी मारे गए थे. उसके बाद जब भी ये कार्टून मैग्जीन के पेज पर छापा गया तब लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू किया है.
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पैटी के क्लास में दिखाए जाने से फिर बड़ा विवाद
हाल ही में फ्रांस के एक स्कूल शिक्षक सैमुअल पैटी ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून अपनी क्लास में दिखाया था. इसके बाद 16 अक्टूबर को चेचेन मूल के एक 19 साल युवक ने शिक्षक की निर्मम हत्या कर दी. इस घटना से फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ((Emmanuel Macron) ने नाराजगी जाहिर कर पैटी के प्रति सम्मान जाहिर करते हुए उन्हें मरणोपरांत फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा की. इसके बाद से ही मैक्रो के खिलाफ दुनिया के तमाम देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं. विवाद के चलते बीते सप्ताह फ्रांस (France) के चर्च के बाहर शख्स ने लोगों पर चाकू से हमला किया था जिसमें एक महिला सहित तीन लोगों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद 31 अक्टूबर को फ्रांस के लियोन शहर में एक पादरी को उनके गिरजाघर के बाहर गोली मार दी गई. कार्टून को लेकर यह विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है.