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यंगून: अमेरिका (America) सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कड़े रुख के बाद भी म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट करने वाली सेना (Army) पीछे हटने को तैयार नहीं है. उल्टा सेना द्वारा देश की जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं, ताकि कोई उसके खिलाफ आवाज न उठा सके. इसी के तहत सैन्य शासन ने नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित तीन मौलिक कानूनों को निलंबित कर दिया है. इसके विरोध में रविवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख नेता आंग सान सूची (Aung San Suu Kyi) सहित सभी नेताओं की रिहाई और कानूनों को फिर से बहाल करने की मांग की.
म्यांमार (Myanmar) के सैन्य नेतृत्व में काम कर रही प्रादेशिक काउंसिल ने तीन मौलिक कानूनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसमें व्यक्तिगत सुरक्षा और स्वतंत्रता से संबंधित कानून की धारा 5, 7 और 8 भी शामिल है. धारा 5 में निजता के अधिकार का प्रावधान है. जिसमें कहा गया है कि प्रशासन बिना स्थानीय दो गवाहों के किसी के घर में घुसने, तलाशी लेने या गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं रखता है. धारा सात में प्रावधान है कि 24 घंटे से ज्यादा समय तक गिरफ्तारी पर अदालत में पेश किया जाना अनिवार्य है. धारा 8 व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है. इसमें किसी के घर या निजी कमरे में घुसने के लिए कानूनी उपचार आवश्यक हैं.
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धारा 5, 7 और 8 निलंबित करने का मतलब है कि अब सेना बिना किसी रोकटोक के किसी के भी घर में घुस सकेगी. दरअसल, तख्तापलट के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी सैन्य शासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. हर दिन बढ़ती प्रदर्शनकारियों की तादाद से सेना पर दबाव बढ़ रहा है, इसी दबाव को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है. सेना लोगों में डर कायम करना चाहती है. उधर, जापान की राजधानी टोक्यो में हजारों लोगों ने म्यांमार में लोकतंत्र बहाली को लेकर विशाल प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों के हाथों में म्यांमार की नेता आंग सान सूची की तस्वीरें थीं. यह जापान में कुछ सालो में सबसे बड़ा प्रदर्शन था.
It's as if the generals have declared war on the people of Myanmar: late night raids; mounting arrests; more rights stripped away; another Internet shutdown; military convoys entering communities. These are signs of desperation. Attention generals: You WILL be held accountable.
— UN Special Rapporteur Tom Andrews (@RapporteurUn) February 14, 2021
वहीं, म्यांमार के कई शहरों की सड़कों पर सेना की बख्तरबंद गाड़ियां देखी गई हैं. देश में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी है है. माना जा रहा है कि सेना प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. देश के उत्तर में बसे काचिन में लगातार नौ दिनों से सेना के तख़्तापलट के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां सुरक्षाबलों के प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने की भी ख़बर है. संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने म्यांमार की सेना पर लोगों के खिलाफ जंग का ऐलान का आरोप लगाया है. म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष अधिकारी टॉम एंड्र्यूज़ (Tom Andrews) ने कहा है कि सेना के जनरल हताशा के संकेत दे रहे हैं उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ऐसा लग रहा है कि सेना ने म्यांमार के लोगों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. आधी रात में छापे मारे जा रहे हैं, लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनके अधिकार छीने जा रहे हैं. फिर से इंटरनेट भी बंद किया गया है. सेना के काफिले रिहाइशी इलाकों में घुस रहे हैं’.