म्यांमार के रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार के लिए सेना प्रमुख एवं 5 अन्य शीर्ष सैन्य कमांडरों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
Trending Photos
जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने म्यांमार के रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार के लिए उस देश के सेना प्रमुख एवं 5 अन्य शीर्ष सैन्य कमांडरों पर मुकदमा चलाये जाने और एक आंतरिक जांच किये जाने की सोमवार (27 अगस्त) को वकालत की. संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली तथ्यान्वेषी समिति ने कहा कि कमांडर इन चीफ वरिष्ठ जनरल मिन आउंग हलैंग सहित म्यांमार के शीर्ष सैन्य जनरलों के खिलाफ जांच होनी चाहिए और रखाइन राज्य के उत्तर में नरसंहार के लिए उन पर मुकदमा चलना चाहिए. साथ ही रखाइन, काचिन और शान राज्यों में मानवता के खिलाफ और युद्ध अपराधों के मामले में जांच होनी चाहिए और मुकदमा चलना चाहिए.
इससे पहले अमेरिका ने म्यामांर के 4 सैन्य कमांडरों और दो सैन्य इकाइयों पर अल्पसंख्यक रोहिंग्याओं को हिंसक रूप से उनके घर से निकालने में "मानवाधिकारों के गंभीर दुरुपयोग" और "नैतिक सफाई" के आरोपों में दंडनीय प्रतिबंध लगाए. सैन्य एवं सीमा गार्ड कमांडरों आंग क्यॉ जा, खीन मॉग सो, खीन हलैंग और थूरा सान ल्वीन पर राखाइन प्रांत में मुस्लिम रोहिंग्याओं और काचिन एवं शान प्रांतों में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसक अभियान की अगुवाई करने का आरोप लगाया गया है.
अमेरिका के वित्त विभाग के आतंकवाद और वित्तीय खुफिया से संबंधित उप मंत्री सिगाल मंडेलकर ने कहा, ‘‘बर्मा का सुरक्षाबल पूरे बर्मा में जातीय सफाये, नरसंहार, यौन हमला, न्यायेत्तर हत्याएं और अन्य गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन समेत अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसक अभियान में लगा रहा.’’ म्यांमार के रखाइन प्रांत के मलिन शिविरों में 129,000 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान अभावों से ग्रस्त जिंदगी काटने को मजबूर हैं. पिछले साल अगस्त में सेना की कठोर कार्रवाई से भयभीत करीब 7,00,000 रोहिंग्या मुसलमानों ने सीमा पार कर पड़ोसी देश में शरण ली थी.
इनपुट भाषा से