सूरज से निकलने वाली ऊर्जा का अध्ययन करेगा नासा
Advertisement

सूरज से निकलने वाली ऊर्जा का अध्ययन करेगा नासा

टीएसआईएस-1 विस्तृत आंकड़े एकत्र करेगा जो हमें धरती के विकिरण पर सूर्य के प्रभाव, ओजोन परत, पर्यावरणीय चक्रण, परिस्थितिकी और पृथ्वी की प्रणाली तथा जलवायु परिर्वतन पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने में मदद कर सकेगा. 

नासा ने इस उपकरण को 15 दिसंबर, 2017 को फ्लोरिडा के केप केनेवरल एयर फोर्स स्टेशन से स्पेस एक्स फाल्कन 9 रॉकेट से रवाना किया गया था. (फाइल फोटो)

वाशिंगटनः नासा ने हमारे सौर मंडल में सूर्य से निकलने वाली प्रकाश ऊर्जा की मात्रा का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन( आईएसएस) पर नया और आधुनिक उपकरण लगाया है. नासा का कहना है कि आईएसएस में लगाया गया टोटल एंड स्पेक्ट्रल सोलर इर्रेडिएंस सेंसर( टीएसआईएस-1) पूरी तरह काम कर रहा है और आंकड़े एकत्र कर रहा है. नासा के गोड्डार्ड स्पेस फ्लाईट सेन्टर में टीएसअईएस-1 के परियोजना वैज्ञानिक डोंग वू का कहना है, टीएसआईएस-1 विस्तृत आंकड़े एकत्र करेगा जो हमें धरती के विकिरण पर सूर्य के प्रभाव, ओजोन परत, पर्यावरणीय चक्रण, परिस्थितिकी और पृथ्वी की प्रणाली तथा जलवायु परिर्वतन पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने में मदद कर सकेगा.

यह भी पढ़ेंः क्या आप जानते? हमारा सूर्य का जन्म जुड़वा तारे के रूप में हुआ था...

वू ने कहा कि इसके सेंसर से मिलने वाले आंकड़े हमें पृथ्वी को ऊर्जा देने वाले प्राथमिक स्रोत को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे और ऐसी सूचनाएं देंगे जिनसे पृथ्वी की जलवायु का अध्ययन करने वाले मॉडलों में सुधार किया जा सकेगा. इस उपकरण को 15 दिसंबर, 2017 को फ्लोरिडा के केप केनेवरल एयर फोर्स स्टेशन से स्पेस एक्स फाल्कन 9 रॉकेट से रवाना किया गया था. 

चांद और मंगल छोडि़ए, NASA सूरज तक पहुंचाएगा आपका नाम
इससे पहले 8 मार्च को आई नासा की खबर के मुताबिक दुनियाभर के वैज्ञानिक सुदूर अंतरिक्ष में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. इंसान के कदम चांद तक पहुंच चुके हैं. अब वहां इंसानी बस्‍ती बसाने की योजना बन रही है. इसके साथ ही मंगल ग्रह पर भी इनसानों को पहुंचाने की तैयारी चल रही है.

यह भी पढ़ेंः  5 मिनट में सूर्य की 1,500 तस्वीरें लेने वाले रॉकेट का आज प्रक्षेपण करेगा NASA

इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लोगों के लिए ऐसी संभावना पर विचार कर रही है, जिसके जरिये लोग सूरज तक अपना नाम भेज सकेंगे. यह संभव होगा उसके पार्कर सोलर प्रोब नामक अंतरिक्ष शोध यान के जरिये. इस यान को इसी साल लांच करने की योजना पर काम चल रहा है. 

कठिन है डगर
नासा के वैज्ञानिक थॉमस ज्‍यूबर्शेन के अनुसार सूरज ब्रह्मांड का सबसे चमकीला तारा है, जिसके चारों ओर नौ ग्रह चक्‍कर लगाते हैं. उसके करीब भी पहुंचना इनसान और विज्ञान, दोनों के लिए ही संभव नहीं है. लेकिन हम वैज्ञानिक आपका नाम सूरज तक पहुंचा सकते हैं. सूरज की तपिश और उसके इर्द-गिर्द फैले खतरनाक विकिरण को भी लांघते हुए आपका नाम सूरज के वातावरण के बेहद करीब पहुंचाया जाएगा.

(इनपुट भाषा से)

 

Trending news