नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने ब्रह्मांड में सबसे दूर स्थित तारा खोजा
Advertisement

नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने ब्रह्मांड में सबसे दूर स्थित तारा खोजा

बर्केले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया मेंइस शोध का नेतृत्व करने वाले पैट्रिक केली ने कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि जब हमने एक विशाल और अपनी तरह का अकेला तारा देखा है.

नीले रंग के इस विशाल तारे का नाम इकारस है..(फोटो-NASA)

वॉशिंगटन: नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने अभी तक का सबसे सुदूरवर्ती तारा खोजा है. ब्रह्मांड के बीच में स्थित नीले रंग के इस विशाल तारे का नाम इकारस है. यह तारा इतना दूर है कि इसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में नौ अरब साल लग गए. दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन से भी यह तारा बहुत धुंधला दिखाई देगा.

हालांकि ग्रेवीटेशनल लेनसिंग नाम की प्रक्रिया होती है जो तारों की धुंधली चमक को तेज कर देती है जिससे खगोलविज्ञानी दूर के तारे को भी देख सकते हैं. बर्केले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया मेंइस शोध का नेतृत्व करने वाले पैट्रिक केली ने कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि जब हमने एक विशाल और अपनी तरह का अकेला तारा देखा है. ’’ केली ने कहा, ‘‘ आप वहां पर कई आकाशगंगाओं को देख सकते हैं लेकिन यह तारा उस तारे से कम से कम 100 गुना दूर स्थित है जिसका हम अध्ययन कर सकते हैं. ’’ 

सूरज से निकलने वाली ऊर्जा का अध्ययन करेगा नासा
नासा ने हमारे सौर मंडल में सूर्य से निकलने वाली प्रकाश ऊर्जा की मात्रा का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन( आईएसएस) पर नया और आधुनिक उपकरण लगाया है. नासा का कहना है कि आईएसएस में लगाया गया टोटल एंड स्पेक्ट्रल सोलर इर्रेडिएंस सेंसर( टीएसआईएस-1) पूरी तरह काम कर रहा है और आंकड़े एकत्र कर रहा है. नासा के गोड्डार्ड स्पेस फ्लाईट सेन्टर में टीएसअईएस-1 के परियोजना वैज्ञानिक डोंग वू का कहना है, टीएसआईएस-1 विस्तृत आंकड़े एकत्र करेगा जो हमें धरती के विकिरण पर सूर्य के प्रभाव, ओजोन परत, पर्यावरणीय चक्रण, परिस्थितिकी और पृथ्वी की प्रणाली तथा जलवायु परिर्वतन पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने में मदद कर सकेगा. वू ने कहा कि इसके सेंसर से मिलने वाले आंकड़े हमें पृथ्वी को ऊर्जा देने वाले प्राथमिक स्रोत को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे और ऐसी सूचनाएं देंगे जिनसे पृथ्वी की जलवायु का अध्ययन करने वाले मॉडलों में सुधार किया जा सकेगा. इस उपकरण को 15 दिसंबर, 2017 को फ्लोरिडा के केप केनेवरल एयर फोर्स स्टेशन से स्पेस एक्स फाल्कन 9 रॉकेट से रवाना किया गया था. 

चांद और मंगल छोडि़ए, NASA सूरज तक पहुंचाएगा आपका नाम
इससे पहले 8 मार्च को आई नासा की खबर के मुताबिक दुनियाभर के वैज्ञानिक सुदूर अंतरिक्ष में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. इंसान के कदम चांद तक पहुंच चुके हैं. अब वहां इंसानी बस्‍ती बसाने की योजना बन रही है. इसके साथ ही मंगल ग्रह पर भी इनसानों को पहुंचाने की तैयारी चल रही है.इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लोगों के लिए ऐसी संभावना पर विचार कर रही है, जिसके जरिये लोग सूरज तक अपना नाम भेज सकेंगे. यह संभव होगा उसके पार्कर सोलर प्रोब नामक अंतरिक्ष शोध यान के जरिये. इस यान को इसी साल लांच करने की योजना पर काम चल रहा है. 

इनपुट भाषा से भी 

Trending news