नाटो प्रमुख ने मकदूनिया का नाम बदले जाने को 'ऐतिहासिक अवसर' करार दिया
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नाटो प्रमुख ने मकदूनिया का नाम बदले जाने को 'ऐतिहासिक अवसर' करार दिया

नाटो के प्रमुख जेंस स्टॉल्टेनबर्ग ने रविवार को हुई रायशुमारी में मकदूनिया का नाम बदले जाने को मिले भारी समर्थन की तारीफ की और इसे यूनान के साथ दशकों पुराने टकराव को खत्म करने का ऐतिहासिक मौका करार दिया.

नाटो के प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग.(फाइल फोटो)

ब्रसेल्स: नाटो के प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने रविवार को हुई रायशुमारी में मकदूनिया का नाम बदले जाने को मिले भारी समर्थन की तारीफ की और इसे यूनान के साथ दशकों पुराने टकराव को खत्म करने का ऐतिहासिक मौका करार दिया. जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं सभी राजनीतिक नेताओं एवं पार्टियों से अपील करूंगा कि वे इस ऐतिहासिक मौके का फायदा उठाने के लिए रचनात्मक और जिम्मेदाराना तरीके से काम करें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नाटो के दरवाजे खुले हुए हैं.’’ स्टॉल्टेनबर्ग ने यह भी कहा कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन में मकदूनिया की सदस्यता का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में बड़ा कदम है. बहरहाल, स्टॉल्टेनबर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि नाटो में मकदूनिया को तभी शामिल किया जा सकता है जब सारी ‘‘राष्ट्रीय प्रक्रियाएं’’ पूरी कर ली जाएं.

इसमें नाम में बदलाव के पक्ष में मकदूनियाई संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत भी होती है. बहरहाल, रविवार की रायशुमारी में सिर्फ एक-तिहाई लोगों ने वोट डाले. नाटो ने जुलाई में मकदूनिया को गठबंधन में शामिल होने की खातिर बातचीत शुरू करने के लिए आमंत्रित किया था. स्कॉपये और यूनान के बीच हुए करार के बाद यह आमंत्रण दिया गया था.

स्टॉल्टेनबर्ग ने उस वक्त कहा था कि मकदूनिया नाटो का सबसे नया सदस्य बनने में सक्षम तभी होगा जब नए नाम को रायशुमारी में मंजूरी मिलेगी. नाटो में शामिल होना चाह रहे देशों को मौजूदा सदस्यों की एकमत से मंजूरी की जरूरत होती है. यूनान ने 10 साल पहले नाम विवाद के कारण मकदूनिया की दावेदारी में रोड़ा अटका दिया था. 

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