Finland and NATO: रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के एक साल बाद फिनलैंड आज (मंगलवार) NATO ( नॉर्थ अटलांटिंक ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेशन) का 31वां सदस्य बन गया. जंग का जिक्र इसलिए क्योंकि फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद ही फिनलैंड और स्वीडन ने NATO का सदस्य बनने की पेशकश की थी और पिछले साल मई में फिनलैंड और स्वीडन ने अपनी सैन्य गुटनिरपेक्षता को छोड़कर नेटो का स्थायी सदस्य बनने के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया था. उसके बाद नेटो के सदस्य देशों ने एक-एक कर इस पर मुहर लगाई और आज फिनलैंड औपचारिक रूप से NATO का सदस्य बन गया है, जिसके 30 देश पहले से ही सदस्य हैं.


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नेटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने अपने बयान में कहा कि इस फैसले से फ़िनलैंड सुरक्षित होगा और हमारा गठबंधन मज़बूत होगा. ये फिनलैंड, नॉर्डिक सुरक्षा और नेटो के लिए एक अच्छा दिन है.


औपचारिक रूप से नेटों में शामिल होने पर बेल्जियम के ब्रसेल्स में नेटो के मुख्यालय पर आज बाकी देशों के साथ फिनलैंड का राष्ट्रीय ध्वज भी शामिल किया जाएगा. फिनलैंड नेटो में उस दिन शामिल हुआ है जब नेटो अपनी स्थापना की 74वीं सालगिरह मना रहा है.


बता दें कि फिनलैंड के साथ-साथ स्वीडन ने भी NATO का सदस्य बनने की इच्छा ज़ाहिर की थी लेकिन स्वीडन में तुर्किए विरोध प्रदर्शनों के बाद तुर्किए ने स्वीडन के नेटो में शामिल होने पर अड़ंगा डाल दिया. साथ में हंगरी ने भी स्वीडन की नेटो में एंट्री को मंज़ूरी नहीं दी, लेकिन नेटो चीफ जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि स्वीडन अकेला नहीं है. स्वीडन NATO के उतने ही करीब है जितना वो एक सदस्य के रूप में आ सकता है, और हम स्वीडन को जोड़ने की कोशिश जारी रखेंगे.


फिनलैंड रूस के साथ करीब 1300 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. रूस यूक्रेन में जंग छिड़ने के बाद से फिनलैंड और स्वीडन ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और नेटो का सदस्य बनने का फैसला किया था जबकि इससे पहले दोनों ही देश किसी भी सैन्य गठबंधन का हिस्सा बनने के पक्षधर नहीं रहे थे. फिनलैंड के NATO में शामिल होने के बाद रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन में न्यूक्लियर मिसाइल तैनात करने का ऐलान किया है.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)