नेपाल चुनाव आयोग के इस नवीनतम निर्णय के साथ ही ओली और प्रचंड पार्टी में विभाजन के बावजूद अध्यक्ष बने रहेंगे.
Trending Photos
काठमांडूः नेपाल के चुनाव आयोग ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (Nepal Communist Party) के दो गुटों में से किसी को भी यह कहते हुए आधिकारिक पार्टी के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया है कि दोनों वैध दर्जा हासिल करने के लिए उचित प्रक्रियाओं को अपनाने में विफल रहे हैं. चुनाव आयोग ने रविवार को अपने फैसले में कहा कि चूंकि दोनों गुट- यानी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ वाला और दूसरा प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाला दूसरा गुट- उचित प्रक्रियाओं को अपनाने में विफल रहा है इसलिए उन्हें कोई मान्यता नहीं मिलेगी.
चुनाव आयोग ने कहा, मुश्किल है संशोधन
चुनाव आयोग के इस नवीनतम निर्णय के साथ ही ओली और प्रचंड पार्टी में विभाजन के बावजूद अध्यक्ष बने रहेंगे. इससे पहले प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने ओली को अध्यक्ष पद से हटा दिया था और उनकी जगह माधव कुमार नेपाल को चुना था. रविवार को गुट ने ओली को पार्टी की सामान्य सदस्यता से भी हटाने का फैसला किया. प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने दावा है कि उसे आधिकारिक एनसीपी के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए क्योंकि उसका पार्टी के सचिवालय, स्थायी समिति और केंद्रीय समिति में बहुमत है. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि एनसीपी के दोनों गुटों द्वारा मांग के अनुसार रिकॉर्ड में कोई संशोधन, परिवर्तन या फेरबदल करना मुश्किल है.
ये भी पढ़ें-पाकिस्तान का निकल गया दिवालिया, अब अपनी 'पहचान' को भी रखना पड़ रहा गिरवी