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काठमांडू: नेपाल (Nepal ) में राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रपति (President) से 1 जनवरी को संसद के उच्च सदन (Upper House) का शीतकालीन सत्र (Winter Session) बुलाने की सिफारिश की है.
इससे पहले पीएम ओली ( KP Sharma Oli) की सिफारिश पर पिछले रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने और मध्यावधि चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद नेपाल (Nepal) में राजनीतिक संकट गहरा गया है.
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विपक्षी दल कर रहे विरोध प्रदर्शन
संकटग्रस्त प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (K P Sharma Oli) के खिलाफ सत्तारूढ़ पार्टी का एक तबका और विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि शुक्रवार शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रपति से एक जनवरी को उच्च सदन नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने की सिफारिश किए जाने का निर्णय किया गया है.
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नेपाल का उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के खिलाफ दायर 13 रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. न्यायालय ने शुक्रवार को ओली सरकार को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है और संसद भंग करने के अचानक लिए गए निर्णय पर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है.
सदन को भंग करने का प्रावधान नेपाल (Nepal) के संविधान में नहीं है, इसलिए प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की गई है. नेपाल (Nepal) में पिछले कई महीने से सियासी उठापटक जारी है.
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