तीसरी लहर की आहट! कोरोना का मिला नया वेरिएंट, चपेट में आए इतने लोग
कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका के बीच डब्लूएचओ पहले ही हालातों को लेकर आगाह कर चुका है, इस बीच कोरोना के नए वेरिएंट (New Covid 19 Variant) ने चिंता और बढ़ा दी है.
नई दिल्ली: तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका के बीच कोरोना का नया वेरिएंट मिला है. दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते ममालों के बीच मल्टीपल म्युटेशन के साथ नए कोरोना वेरिएंट (COVID19 Variant) का पता लगा है. इससे पहले डब्ल्यूएचओ (WHO) के यूरोप ऑफिस द्वारा अगले कुछ दिन में कोविड-19 से मौत के मामले बढ़ने की आशंका जताई गई थी.
अब तक मिले इतने मामले
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिक इस नए कोरोना वेरिएंट के संभावित प्रभावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं. जीनोमिक सीक्वेंसिंग के बाद पता चला है कि वेरिएंट बी 1.1.529 के अब तक 22 मामले सामने आ चुके हैं. इससे पहले भी दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के वेरिएंट पाए जा चुके हैं. पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले कोरोना के बीटा वेरिएंट का पता चला था. इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वेरिएंट सी.1.2 का पता लगाया गया था.
53 देशों में खतरे की घंटी!
दूसरी तरफ हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के यूरोप ऑफिस ने कहा था कि पूर्वानुमानों के मुताबिक 53 देशों में अगले वसंत तक कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) से सात लाख और लोगों की मौत हो सकती है, जिससे संक्रमण से मौत के कुल मामले 20 लाख से ज्यादा हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ यूरोप का यूरोप ऑफिस डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में है. कोरोना की मामले बढ़ने की आशंका के बीच WHO ने कहा कि कमजोर इम्युनिटी वाले, 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों समेत सबसे अधिक संवेदनशील आबादी को टीके की बूस्टर खुराक देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
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'स्थिति बहुत गंभीर'
डब्ल्यूएचओ ने लोगों से टीका लगवाने और उचित साफ-सफाई का ध्यान रखने की अपील करते हुए आपस में एक निश्चित दूरी बनाकर रखने को कहा है, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके. डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ क्लूजे ने एक बयान में कहा, ‘आज पूरे यूरोप और मध्य एशिया में कोविड-19 की स्थिति बहुत गंभीर है. हमारे सामने आने वाली सर्दियों की चुनौती है, लेकिन हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए क्योंकि हम सब-सरकारें, स्वास्थ्य अधिकारी और आम लोग महामारी पर काबू पाने में निर्णायक कार्रवाई कर सकते हैं.’
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