भारत में प्रतिबंधित निर्भया गैंगरेप आधारित डॉक्यूमेंट्री का अमेरिका में प्रदर्शन
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भारत में प्रतिबंधित निर्भया गैंगरेप आधारित डॉक्यूमेंट्री का अमेरिका में प्रदर्शन

वर्ष 2012 में निर्भया के साथ जघन्य सामूहिक बलात्कार और हत्या के परिणामों पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को अमेरिका में प्रदर्शित किया गया। भारत में प्रतिबंधित इस फिल्म के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए इस प्रदर्शन के दौरान ऑस्कर विजेता अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप, फ्रीडा पिंटो और अभिनेता-निर्देशक फरहान अख्तर मौजूद थे।

न्यूयॉर्क : वर्ष 2012 में निर्भया के साथ जघन्य सामूहिक बलात्कार और हत्या के परिणामों पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को अमेरिका में प्रदर्शित किया गया। भारत में प्रतिबंधित इस फिल्म के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए इस प्रदर्शन के दौरान ऑस्कर विजेता अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप, फ्रीडा पिंटो और अभिनेता-निर्देशक फरहान अख्तर मौजूद थे।

वर्ष 2012 में हुए जघन्य सामूहिक बलात्कार पर आधारित इस डॉक्यूमेंट्री ‘स्टोरीविले: इंडियाज़ डॉटर’ की शुरूआत में स्ट्रीप ने 23 वर्षीय पीड़िता को ‘हमारी बेटी’ कहकर संबोधित किया और इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को सहना और स्वीकार करना उनके खिलाफ की जाने वाली उस हैवानियत वाली क्रूरता से भी बदतर है। लीस्ले उडविन द्वारा निर्मित और निर्देशित डॉक्यूमेंट्री के अमेरिका में हुए इस प्रदर्शन के दौरान मौजूद प्रतिष्ठित लोगों में स्ट्रीप के अलावा अभिनेत्री पिंटो, अख्तर, टॉक शो प्रस्तोता टीना ब्राउन और मानवीय मामलों एवं आपदा राहत संयोजक महासचिव वेलेरी एमोस भी शामिल थीं।

सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के बरूख कॉलेज में खचाखच भरे एक थियेटर में स्ट्रीप ने कहा कि एक महिला के साथ अमानवीय बर्ताव करने वाली क्रूरता से भी बुरा क्या है? इसके प्रति सहनशीलता और उदासीनता। यह स्वीकार कर लेना कि चीजें तो ऐसी ही हैं। बलात्कार, हिंसा और क्रूरता से ज्यादा बुरा क्या है? इसके लिए सहनशीलता। यह और भी बुरा है। बरूख कॉलेज के इस थियेटर में इस डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन एनजीओ वाइटल वॉयसेज ग्लोबल पार्टनरशिप और बच्चों के विकास के लिए काम करने वाले संगठन प्लैन इंटरनेशनल ने किया।
शांत दिखाई दे रही स्ट्रीप के साथ मंच पर कई अन्य चर्चित हस्तियां और कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने इस प्रीमियर की शुरूआत पैरामेडिकल की उस युवा छात्रा की याद में मोमबत्ती जलाकर की, जिसका निधन 16 दिसंबर 2012 को छह लोगों द्वारा जघन्य सामूहिक बलात्कार का शिकार होने के कुछ दिन बाद हो गया था। स्ट्रीप, पिंटो और उडविन ने वहां मौजूद दर्शकों से बातचीत करते हुए पीड़िता को उसके असली नाम से संबोधित किया। यहां मौजूद दर्शकों ने बेहद खामोशी के साथ एक घंटे की इस डॉक्यूमेंट्री को देखा और जब उन्होंने आरोपी मुकेश सिंह को इस अमानवीय घटना का वर्णन बेरहमी के साथ करते देखा तो वे सभी स्तब्ध रह गए।

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