पाकिस्‍तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का कोई सर्टिफिकेट नहीं: अमेरिका
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पाकिस्‍तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का कोई सर्टिफिकेट नहीं: अमेरिका

पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने का अमेरिकी प्रमाणपत्र मिलने से उसे आर्थिक मदद का रास्ता साफ हो जाने पर भारत की ओर से सख्त प्रतिक्रिया जताए जाने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के प्रवक्‍ता ने सोमवार को कहा कि आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्‍तान की कार्रवाई में हुई प्रगति को लेकर अमेरिका ने किसी तरह का कोई प्रमाण पत्र कांग्रेस को जारी नहीं किया है। वहीं, भारत ने कहा है कि उसका पड़ोसी मुल्क लश्कर-ए-तोएबा और अल कायदा सहित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ न तो सतत प्रतिबद्धता दिखा रहा है और न ही उन्हें दी जाने वाली सहायता रोकी जा रही है। इसके साथ ही उनके ठिकाने भी नेस्तनाबूद नहीं किए जा रहे।

पाकिस्‍तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का कोई सर्टिफिकेट नहीं: अमेरिका

वाशिंगटन : पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने का अमेरिकी प्रमाणपत्र मिलने से उसे आर्थिक मदद का रास्ता साफ हो जाने पर भारत की ओर से सख्त प्रतिक्रिया जताए जाने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के प्रवक्‍ता ने सोमवार को कहा कि आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्‍तान की कार्रवाई में हुई प्रगति को लेकर अमेरिका ने किसी तरह का कोई प्रमाण पत्र कांग्रेस को जारी नहीं किया है। वहीं, भारत ने कहा है कि उसका पड़ोसी मुल्क लश्कर-ए-तोएबा और अल कायदा सहित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ न तो सतत प्रतिबद्धता दिखा रहा है और न ही उन्हें दी जाने वाली सहायता रोकी जा रही है। इसके साथ ही उनके ठिकाने भी नेस्तनाबूद नहीं किए जा रहे।

प्रवक्‍ता ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्‍तान को आर्थिक सहायता जारी करने को लेकर केरी-लुगार-बर्मन बिल के तहत कांग्रेस को कोई ताजा नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। यह साल 2013 में हुआ था जब विदेश विभाग ने पाकिस्‍तान को सहायता दिए जाने को लेकर कांग्रेस को अधिसूचना दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता वास्‍तव में पाकिस्‍तान को केरी-लुगार-बर्मन बिल के तहत हाल के दिनों में कोई सहायता जारी नहीं की गई है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्‍ता जेन साकी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान के आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर कांग्रेस को कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कोई प्रगति नहीं हुई है।

हालांकि, उन्‍होंने यह भी कहा कि ऐसे कई प्रावधान और रास्‍ते हैं, जिसके तहत अमेरिका पाकिस्‍तान को आर्थिक सहायता देता है। साकी ने कहा कि कांग्रेस को इस तरह के किसी आग्रह को लेकर सूचित नहीं किया गया है। और कांग्रेस ने इस तरह की किसी आग्रह (केरी-लुगार-बर्मन बिल के तहत पाकिस्‍तान को सहायता) को स्‍वीकृति भी नहीं दी है।

उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका सरकार अमेरिकी करदाताओं के धन को चाहे जिस भी तरह से खर्च करने का फैसला करे, यह उसका विशेषाधिकार है। भारत इस खबर पर टिप्पणी कर रहा था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को इस आश्य का प्रमाणपत्र दिया है कि उसने अपनी सरजमीं से अलकायदा, तालिबान और इससे जुड़े लश्कर ए तोएबा तथा जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को संचालित होने से रोका। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा था कि हालांकि, भारत नहीं मानता कि पाकिस्तान लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और संभवत: अलकायदा के खिलाफ लगातार प्रतिबद्धता दिखा रहा है, उन्हें सहायता बंद कर रहा है या उनके संचालन के अड्डों को नष्ट करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के अंदर आतंकवादी संगठनों के साथ काम करने वाले पंजाबी (उर्दू भाषी तत्वों) के उदाहरण बढ़ने से, हमें अब यह भी पता चला है कि ये समूह काबुल स्थित भारतीय दूतावास एवं चार वाणिज्य दूतावासों के कूटनीतिक कर्मी सहित अफगानिस्तान में काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी अब एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान के लिए अमेरिकी राजदूत रिचर्ड ओलसन ने इस बात का खुलासा किया कि यह प्रमाणपत्र पाकिस्तान को नागरिक सहायता के लिए केरी-लुगार विधेयक के तहत आर्थिक मदद की एक शर्त है। कांग्रेस ने राष्ट्रपति ओबामा को इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के इस महीने के अंत में इस्लामाद की यात्रा पर जाने से पहले यह प्रमाणपत्र जारी किया गया है।

हालांकि, गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर ओबामा के शरीक होने से पहले केरी के भारत की यात्रा करने का भी कार्यक्रम है। गांधीनगर में 11 जनवरी से होने वाले ‘वाइबेंट्र गुजरात’ सम्मेलन में केरी के शरीक होने का कार्यक्रम है। 

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