ओबामा-शरीफ की मुलाकात पर कोई निर्णय नहीं : अमेरिका
Advertisement

ओबामा-शरीफ की मुलाकात पर कोई निर्णय नहीं : अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अक्तूबर में मुलाकात के लिए आमंत्रित किए जाने की रिपोर्टों के बीच एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि यह उनके लिए ‘खबर’ है।

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अक्तूबर में मुलाकात के लिए आमंत्रित किए जाने की रिपोर्टों के बीच एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि यह उनके लिए ‘खबर’ है।

ओबामा और शरीफ की मुलाकात को लेकर कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के संदर्भ में व्हाइट हाउस ने यह स्पष्टीकरण दिया है। अखबार की खबरों में कहा गया है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने में इस्लामाबाद की लगातार अनिच्छा की वजह से अमेरिका खुश नहीं है।

इससे पहले पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि ओबामा ने अक्तूबर में मुलाकात के लिए शरीफ को आमंत्रित किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष सहायक और व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में दक्षिण एशियाई मामलों के वरिष्ठ निदेशक पीटर आर लवॉय ने इस संबंध में खबरों की ओर ध्यान आकर्षित किए जाने पर कहा, ‘यह मेरे लिए खबर है।’ 

उन्होंने कहा, ‘शरीफ के वाशिंगटन आने के बारे में हमने कोई घोषणा नहीं की है। अलबत्ता, मैंने इस बारे में प्रेस की खबरें देखी हैं।’ दूसरी बार यह पूछे जाने पर कि क्या ओबामा ने अक्तूबर में मुलाकात के लिए शरीफ को अमेरिका आमंत्रित किया है, लवॉय ने दोहराया, ‘इस बारे में हमने कोई बयान नहीं दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर यह पक्का है तो सबसे पहले आप यह सुनेंगे।’ हाल ही में पाकिस्तान का दौरा संपन्न कर लौटे लवॉय ने अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों को ‘बहुत मजबूत और स्थिर’ बताया।

लवॉय ने कहा, ‘11 सितंबर को अलकायदा ने अमेरिका पर हमला किया था लेकिन आज देश में और विदेशों में हमारे हितों पर हम ऐसे खतरों का सामना नहीं कर रहे हैं। आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान का सहयोग आज तक जारी है और न सिर्फ अमेरिका बल्कि क्षेत्र में हमारी सुरक्षा तथा संरक्षा के लिए यह एक अहम कारण बना हुआ है।’ 

बहरहाल, उन्होंने कहा कि अमेरिका सीमा पार से आतंकवाद और आतंकवादी पनाहगाहों को लेकर भारत और पाकिस्तान दोनों की चिंता से अवगत है। उन्होंने कहा कि सुधार के क्षेत्रों, पाकिस्तान के लिए हमारे साथ सहयोग बढ़ाने के क्षेत्रों और सुरक्षा खतरों से निपटने के मुद्दों पर बातचीत होती रही है।

इस बीच, पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ में प्रकाशित एक खबर में कहा गया है कि गठबंधन सहयोग कोष (सीएसएफ) की अगली किस्त को बाधित करने वाले एक कदम के तहत अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह कांग्रेस को यह सत्यापित नहीं करेगा कि उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ उसके अभियान से हक्कानी नेटवर्क को क्षति पहुंची है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने पेंटागन को बताया कि यह मुद्दा अब तक उनके समक्ष विचार के लिए नहीं आया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘अब तक यह मेरे पास नहीं आया है। मैंने वे खबरें देखी हैं।’ वर्ष 2002 से अमेरिका ने सीएसएफ में 13 अरब डालर की आपूर्ति की है।

सीएसएफ कोष से पाकिस्तान को दी जाने वाली राशि में कटौती की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देने से इंकार करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के महत्व और पाकिस्तान की सीमाओं के अंदर तथा सीमाई इलाके में व्याप्त असली खतरे से निपटने में उसकी मदद के बारे में अमेरिका के विचारों में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। 

किर्बी से हक्कानी नेटवर्क के बारे में पाकिस्तान द्वारा पर्याप्त कार्रवाई न किए जाने को लेकर अमेरिकी चिंता के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा, ‘हक्कानी नेटवर्क के बारे में हमारी राय सर्वविदित है। हमने यहां से उनके साथ व्यापक चर्चा की है और यह मुद्दा हम नियमित रूप से उठाते रहे हैं। और यह पाकिस्तान सरकार के साथ हमारी बातचीत का हिस्सा है।’ 

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह उग्रवादियों के बीच अंतर नहीं करती और यह उनके प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता है और उनके शब्दों में कहा जाए तो दूसरे देशों पर हमले के लिए वह उग्रवादियों को पनाहगाह के तौर पर पाकिस्तान की जमीन का उपयोग नहीं करने देंगे।’

Trending news