Withdrawal of troops from Afghanistan: अमेरिका और तालिबान फरवरी 2020 में एक समझौते पर पहुंचे थे, जिसके तहत तालिबान और अफगान सरकार के बीच शांति सुलह, स्थायी संघर्ष विराम और आने वाले दिनों में सभी विदेशी सैनिकों की वापसी होनी है.
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वॉशिंगटन: अफगानिस्तान (Afghanistan) से सैनिकों को बुलाने (withdrawal of troops) पर अमेरिका ने बड़ा बयान दिया है. अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन (US Defence Secretary Lloyd Austin) ने कहा है कि अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को जल्दबाजी में नहीं बुलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि युद्ध से तबाह देश में हिंसा की घटनाएं कम होनी चाहिए और अफगान नेतृत्व वाली वार्ता में और प्रगति की जरूरत है.
अमेरिका और तालिबान फरवरी 2020 में एक समझौते पर पहुंचे थे, जिसके तहत तालिबान और अफगान सरकार के बीच शांति सुलह, स्थायी संघर्ष विराम और आने वाले दिनों में सभी विदेशी सैनिकों की वापसी होनी है. अफगानिस्तान में वर्तमान में करीब 2500 अमेरिकी सैनिक हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में संवाददाता सम्मेलन में ऑस्टिन ने शुक्रवार को कहा, ‘मैंने अपने सहयोगियों को बताया है अमेरिका हड़बड़ी में या अव्यवस्थित तौर पर अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी नहीं करेगा और न ही गठबंधन की प्रतिष्ठा पर आंच आने देगा. फिलहाल सैनिकों की वापसी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. ’
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NATO (नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) के रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन अफगानिस्तान में युद्ध के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है. देश को आतंकी संगठनों का पनाहगाह बनने से भी रोकना है और यह सुनिश्चित करना होगा कि लंबे समय से चल रहे संघर्ष का टिकाऊ समाधान निकले.
उन्होंने कहा कि फिलहाल वहां हिंसा की बहुत ज्यादा घटनाएं हो रही हैं और अफगान नेतृत्व वाली वार्ता में प्रगति की जरूरत है. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘इसलिए मैं सभी पक्षों से शांति का रास्ता अपनाने का आग्रह करता हूं. हिंसा की घटनाओं में कमी आनी चाहिए.’
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