न रिज्यूमे, न इंटरव्यू, बिना किसी जांच-पड़ताल के इस विदेशी कंपनी में मिलेगी नौकरी
Advertisement

न रिज्यूमे, न इंटरव्यू, बिना किसी जांच-पड़ताल के इस विदेशी कंपनी में मिलेगी नौकरी

अमेरिका में एक कर्मचारी की हायरिंग पर करीब 3 से 4 लाख रुपये खर्च कर दिये जाते हैं. जबकि ग्रेस्टोन बेकरी के कर्मचारियों को ऐसी किसी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होती.

प्रतीकात्मक फोटो

न्यूयॉर्कः जहां एक ओर विदेश में नौकरी के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. कई तरह की जांच-पड़ताल की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है तो वहीं न्यूयॉर्क की एक कंपनी ऐसी भी है, जो हायरिंग की प्रक्रिया के लिए ट्रेडमार्क बन गई है. दरअसल, न्यूयॉर्क के योंकर्स में स्थित ग्रेस्टोन बेकरी में नौकरी के लिए लोगों को न तो महीने भर पहले रिज्यूमे देना होता है और न ही इंटरव्यू और न ही किसी तरह की जांच-पड़ताल का सामना करना पड़ता है. इस बेकरी के मालिक माइक ब्रैडी का कहना है कि 'हम कंपनी में उन लोगों को मौका देते हैं जिन्हें कहीं ब्रेक नहीं मिलता. इससे वह पूरे मन से काम करते हैं. जिससे कंपनी को भी फायदा होता है.'

बेरोजगारों के लिए खुशखबरी! ये बड़ी कंपनी 1 हजार लोगों को देगी नौकरी

150 करोड़ कंपनी का रेवेन्यू
150 करोड़ रुपये सलाना रेवेन्यू वाली यह कंपनी ऐसे लोगों को मौका देने के लिए मशहूर है जिन्हें कहीं काम न मिल रहा हो या जिन्हें रंगभेद का शिकार होना पड़ रहा है. बता दें बाहरी देशों में कई लोगों को रंग भेद के चलते नौकरी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. कंपनी के सीईओ ब्रैडी का कहना है कि 'जिन्हें भी नौकरी चाहिए वह आएं और लिस्ट में अपना नाम, कॉन्टेक्ट नबंर और ईमेल एड्रेस दर्ज करवाएं, जब भी नौकरी की संभावना बनेगी कंपनी खुद ही उम्मीद्वार को फोन कर लेगी.'

इंटरव्यू के दौरान लग जाता है 9 से 10 घंटे का समय
दरअसल, अमेरिका में नौकरी के लिए लोगों को कई-कई बार फोन स्क्रीनिंग जैसी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. इसके बाद तय किया जाता है कि उम्मीद्वार को इंटरव्यू का मौका मिलेगा या नहीं. इंटरव्यू के दौरान भी उम्मीद्वारों को 9 से 10 घंटे लग जाते हैं. और तो और इंटरव्यू के दौरान कई बार ऐसे सवाल भी पूछे जाते हैं जिनसे काम का कोई लेना-देना नहीं होता है. ऐसे में कई बार उम्मीद्वार के आपत्ति जताने पर उन्हें नौकरी नहीं दी जाती.

इस कंपनी में आईं 4000 नौकरियां, जानिए कैसे करें अप्लाई

एक कर्मचारी की हायरिंग पर लग जाते हैं 3 से 4 लाख
वहीं ग्रेस्टोन बेकरी में 85 प्रतिशत कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें ओपन हायरिंग प्रक्रिया से चुना जाता है. कर्मचारियों के चुनाव के बाद उन्हें 9 से 10 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें उन्हें मशीन चलाना, पैकेजिंग, मिक्सिंग जैसे काम सिखाए जाते हैं. कर्मचारियों के कंपनी में ज्यादा दिनों तक रहने पर उनका प्रमोशन भी किया जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में एक कर्मचारी की हायरिंग पर करीब 3 से 4 लाख रुपये खर्च कर दिये जाते हैं. जबकि ग्रेस्टोन बेकरी के कर्मचारियों को ऐसी किसी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होती.

Trending news